Vastu Tips : उत्तर-पूर्व दिशा में टॉयलेट? जानिए कैसे ये छोटी सी गलती आपके जीवन को प्रभावित कर सकती है!

Vastu Tips : उत्तर-पूर्व दिशा में टॉयलेट? जानिए कैसे ये छोटी सी गलती आपके जीवन को प्रभावित कर सकती है!

Vastu Tips : वास्तु शास्त्र के अनुसार, हर दिशा का एक खास महत्व होता है और हर कोने की एक खास ऊर्जा होती है. घर के उत्तर-पूर्व हिस्से को बहुत ही शुभ माना गया है. इसे “ईशान कोण” कहा जाता है. यह दिशा भगवान शिव की मानी जाती है और यहां से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है. अब सोचिए, अगर इस जगह पर टॉयलेट बना हो, तो क्या होगा? साफ बात है – वहां की ऊर्जा गंदी हो जाएगी. यही कारण है कि उत्तर-पूर्व में टॉयलेट होना सबसे बड़ा वास्तु दोष माना गया है. आजकल शहरों में जगह की कमी के कारण बहुत से लोग बिना दिशा देखे ही टॉयलेट बना लेते हैं. उन्हें लगता है कि इससे कुछ फर्क नहीं पड़ता, लेकिन असल में इसका असर बहुत गहरा होता है – मन पर, शरीर पर और पूरे घर के माहौल पर. इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि उत्तर-पूर्व दिशा में टॉयलेट होने से क्या-क्या दिक्कतें हो सकती हैं, और इससे बचने के कुछ आसान उपाय भी बताएंगे जिन्हें आप बिना तोड़-फोड़ के अपना सकते हैं. इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं इंदौर निवासी ज्योतिषी, वास्तु विशेषज्ञ एवं न्यूमेरोलॉजिस्ट हिमाचल सिंह.

ईशान दिशा में टॉयलेट होने से क्या नुकसान हो सकते हैं?
1. दिमागी परेशानी और बेचैनी बढ़ जाती है
उत्तर-पूर्व दिशा का संबंध दिमाग से होता है. यहां पॉजिटिव सोच और शांत विचार आते हैं. जब इस जगह पर गंदगी या गंध वाली चीज़ें होती हैं, जैसे टॉयलेट, तो व्यक्ति को मानसिक तनाव होने लगता है. सिर दर्द, चिंता, नींद न आना जैसी दिक्कतें बढ़ने लगती हैं.

2. ध्यान और एकाग्रता कमजोर होती है
बहुत से लोग शिकायत करते हैं कि वे कोई काम पूरा नहीं कर पाते या मन बार-बार भटकता है. इसका एक बड़ा कारण ईशान कोण में टॉयलेट हो सकता है. इस दिशा की शुद्धता से ही ध्यान केंद्रित रहता है.

3. घर में शांति नहीं रहती
इस वास्तु दोष का असर पूरे परिवार पर पड़ता है. छोटी-छोटी बातों में झगड़े होना, मनमुटाव बढ़ना, बच्चों का पढ़ाई में मन न लगना – ये सब इसके लक्षण हो सकते हैं.

4. आध्यात्मिक ऊर्जा कमजोर होती है
ईशान दिशा वह स्थान है जहां से ब्रह्मांड की सकारात्मक ऊर्जा घर में आती है. अगर वहां टॉयलेट हो, तो यह ऊर्जा रुक जाती है या उलटी दिशा में चली जाती है. इससे घर में नकारात्मकता बढ़ने लगती है.

आसान उपाय – बिना तोड़-फोड़ के
अब अगर आपके घर में यह दोष है, तो घबराने की ज़रूरत नहीं है. कुछ आसान उपायों से इस असर को काफी हद तक कम किया जा सकता है.

टॉयलेट के दरवाज़े पर
-बाहर की तरफ “ॐ नमः शिवाय” का स्टिकर लगाएं
-दरवाज़ा हमेशा बंद रखें

टॉयलेट के अंदर
-हल्का नीला या सफेद रंग करवाएं
-दरवाज़े के ऊपर एक छोटा शीशा लगाएं, जिससे ऊर्जा वापस लौट जाए

टॉयलेट के बाहर
-रोज़ सुबह कपूर या 5 लौंग जलाएं
-वहां हल्की रोशनी रखें – जैसे नीला बल्ब
-पिरामिड यंत्र या वास्तु नमक वाला लैंप रखें

अगर संभव हो
-उस टॉयलेट का कम से कम इस्तेमाल करें
-हफ्ते में एक बार गंगाजल या नमक मिला पानी डालें

कुछ और बातें जो जानना ज़रूरी है
अगर टॉयलेट थोड़ा हटकर, उत्तर दिशा या पूर्व दिशा की तरफ बना है, तो उसका असर कम हो सकता है. लेकिन अगर वो बिलकुल कोने में है, तो उपायों को और सख्ती से अपनाना चाहिए.

ऐसे में दिशा देखकर सही उपाय तय करना जरूरी हो जाता है.
उत्तर-पूर्व दिशा में टॉयलेट बनाना गंभीर वास्तु दोष होता है, जिससे मानसिक तनाव, ध्यान की कमी और घर में अशांति बढ़ती है. लेकिन कुछ आसान उपायों जैसे रंग, मंत्र, धूप और रोशनी से इसका असर काफी हद तक कम किया जा सकता है. सही दिशा की पहचान और नियमित सफाई सबसे जरूरी है.

अगर आप चाहें तो आप मुझे यह भी बता सकते हैं:
-टॉयलेट बिलकुल कोने में है या नहीं
-किस मंज़िल पर है (नीचे, ऊपर या छत पर)
-और क्या आप वहां रोज़ाना इस्तेमाल करते हैं?

Source link

You May Have Missed