Shani Dev ke 10 naams: शनिदेव के 10 शक्तिशाली नाम: शनिवार को करें जाप और पाएं जीवन की हर परेशानी से छुटकारा
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Shani Dev ke 10 naams: शनिदेव को खुश करना मुश्किल नहीं है, बस जरूरी है सच्ची श्रद्धा, सही कर्म और नियमित भक्ति, अगर आप शनिवार को उनके बताए गए नामों का जाप करते हैं, तो उनके आशीर्वाद से जीवन के सारे संकट खत्म ह…और पढ़ें
जपें शनिदेव के 10 नामशनिदेव कौन हैं?
शनिदेव सूर्य देव और उनकी पत्नी छाया के पुत्र हैं. हिंदू मान्यताओं के अनुसार शनिदेव कर्मों का हिसाब रखने वाले देवता हैं. वो हर इंसान को उसके किए गए अच्छे या बुरे कामों के आधार पर फल देते हैं. यही वजह है कि कई लोग शनिदेव से डरते हैं, लेकिन सच ये है कि अगर इंसान सही रास्ते पर चले, सच्चाई से जीवन जिए और शनिदेव की भक्ति करे, तो उनकी कृपा जीवन को संवर सकती है.
शनिदेव के नामों का क्या है महत्व?
शनिदेव के नामों का जाप करना बेहद शुभ माना गया है. इनके हर नाम का एक अलग असर और ताकत होती है. माना जाता है कि इन नामों का नियमित जाप करने से नकारात्मकता खत्म होती है और जीवन में पॉजिटिव एनर्जी आती है. इससे दिमाग शांत रहता है, सेहत सुधरती है, आर्थिक स्थिति मज़बूत होती है और कामों में सफलता मिलने लगती है.
शनिदेव के 10 खास नाम हैं जिनका जाप शनिवार को करना बहुत लाभकारी माना जाता है:
1. कोणस्थ – ये नाम शनिदेव की शक्ति को दर्शाता है.
2. पिंगल – यह नाम उनके सौम्य रूप का प्रतीक है.
3. बभ्रु – इसका मतलब होता है तप और भक्ति का स्वरूप.
4. कृष्ण – शनिदेव के गहरे रंग और तेज को दिखाता है.
5. रौद्रान्तक – उनके रौद्र और न्यायप्रिय स्वभाव का संकेत है.
6. यम – क्योंकि शनिदेव यमराज के भाई हैं.
7. सौरि – सूर्य देव के पुत्र होने का प्रतीक नाम.
8. शनैश्चर – उनके धीरे-धीरे चलने वाले स्वभाव को दर्शाता है.
9. मंद – यह नाम उनके शांत और स्थिर स्वभाव को दिखाता है.
10. शनि – उनका मूल नाम, जो हर परेशानी को खत्म करने वाला माना जाता है.
शनिदेव को खुश करने के उपाय
शनिवार के दिन शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए कुछ आसान उपाय किए जा सकते हैं:
1. सुबह नहा-धोकर साफ कपड़े पहनें और शनिदेव की मूर्ति या फोटो के सामने दीपक जलाएं.
2. दीपक में सरसों का तेल इस्तेमाल करें और उसमें काले तिल डालें.
3. शनिदेव के इन 10 नामों का सुबह और शाम 108 बार जाप करें.
4. शनिवार को व्रत रखें और जरूरतमंदों को काले कपड़े, काले चने या तेल का दान करें.
5. पीपल के पेड़ के नीचे दीया जलाएं और सात परिक्रमा करें.


