Rakhi Ka Shubh Muhurat: रक्षाबंधन आज, सुबह 5:47 मिनट से दोपहर 1:24 मिनट तक राखी मुहूर्त, बस राहुकाल का रखें ध्यान

Rakhi Ka Shubh Muhurat: रक्षाबंधन आज, सुबह 5:47 मिनट से दोपहर 1:24 मिनट तक राखी मुहूर्त, बस राहुकाल का रखें ध्यान

Rakhi Ka Shubh Muhurat 2025: आज देशभर में धूमधाम से रक्षा बंधन का पर्व मनाया जा रहा है और यह पर्व हर वर्ष सावन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है. रक्षा बंधन हिंदू धर्म में भाई-बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक पर्व है. इस दिन बहन भाई की कलाई पर राखी बांधकर उसके सुख, समृद्धि और दीर्घायु की कामना करती हैं, और भाई बहन को जीवनभर रक्षा का वचन देते हैं. इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा का साया नहीं है इसलिए बहनें पूरे दिन किसी भी समय राखी बांध सकती हैं लेकिन राहुकाल का विशेष ध्यान रखना होगा. क्योंकि भद्रा की तरह राहुकाल में भी कोई भी शुभ व मांगलिक कार्य नहीं किया जाता. रक्षाबंधन 2025 पर इस बार राखी बांधने के लिए आपको करीब साढ़े सात घंटे का मुहूर्त मिलेगा. आइए जानते हैं राखी बांधने का शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय…

रक्षाबंधन 2025 शुभ योग
रक्षाबंधन पर इस बार सर्वार्थ सिद्धि नामक शुभ योग रहेगा. इस शुभ योग में किया गया कोई भी कार्य हमेशा सिद्ध होता है और शुभ फल देता है. यह योग सुबह 05:48 पर शुरू हो चुका है और दोपहर 02:23 तक रहेगा. साथ ही आज के दिन 24 साल बाज 4 शुभ योग बन रहे हैं, जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है. आज कर्क राशि में सूर्य बुध की युति से बुधादित्य राजयोग, सौभाग्य योग, मिथुन राशि में गुरु और शुक्र की युति से गजलक्ष्मी राजयोग और सर्वार्थ सिद्धि योग का बेहद शुभ संयोग बन रहा है. साथ ही चंद्रमा इस दिन मकर राशि में रहने वाले हैं.

वैदिक मुहूर्त शास्त्र के अनुसार, राखी बांधने का कार्य राहुकाल, भद्रा काल और अशुभ ग्रह योग में टालना चाहिए. शुभ योगों में अभिजीत मुहूर्त, शुभ चौघड़िया, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग, रवि योग में राखी बांधना विशेष पुण्यकारी माना जाता है.

राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
आज राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 47 मिनट से दोपहर 1 बजकर 24 मिनट तक रहने वाला है. इसलिए आज आपको राखी बांधने के लिए 7 घंटे 37 मिनट का समय मिलेगा. लेकिन आपको राहुकाल का विशेष ध्यान रखना होगा. आज के दिन राहुकाल 09 बजकर 07 मिनट से सुबह 10 बजकर 47 मिनट तक रहेगा.

राखी बांधते समय इन नियमों का रखें ध्यान
राखी के समय बहन को पूर्वमुख होकर और भाई को पश्चिममुख होकर बैठना चाहिए.
रक्षा सूत्र बांधते समय मंत्र — येन बद्धो बलिराजा दानवेन्द्रो महाबलः। तेन त्वाम् अनुबध्नामि रक्षे मा चल मा चल॥ — का उच्चारण कर बांधना चाहिए.
शास्त्र कहते हैं कि इस दिन बांधा गया रक्षा सूत्र पूरे वर्ष ग्रह-पीड़ा, दुष्ट शक्तियों और नकारात्मक प्रभावों से रक्षा करता है.

राखी (रक्षा सूत्र) बांधते समय गांठों का विशेष महत्व
तीन गांठें बांधना सबसे शुभ माना गया है.
यह तीन गांठें त्रिदेव (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) और त्रिशक्ति (सरस्वती, लक्ष्मी, पार्वती) का प्रतीक हैं.
रक्षा सूत्र विधि में कहा गया है कि तीन गांठों से बंधी मौली न केवल रक्षा करती है, बल्कि दीर्घायु, समृद्धि और आशीर्वाद भी प्रदान करती है.
पहली गांठ – रक्षा का वचन
दूसरी गांठ – सुख-समृद्धि की प्रार्थना
तीसरी गांठ – आपसी प्रेम और विश्वास की स्थिरता

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