Pitru Paksha 2025: पितृपक्ष में कौए को भोजन क्यों कराते हैं? पितरों से इसका क्या संबंध, पढ़ें पौराणिक कथा
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Pitru Paksha 2025: पितृपक्ष में कौवों को भोजन कराना शुभ माना जाता है क्योंकि धार्मिक मान्यता अनुसार उनके द्वारा ग्रहण किया भोजन पितरों तक पहुंचता है और उनकी आत्मा तृप्त होती है.

श्राद्ध के दौरान लोग कौवों को भोजन कराते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके पीछे की वजह क्या है? बता दें कि, धर्म शास्त्रों में जिस तरह से सभी चीजों के पीछे कोई न कोई वजह बताई गई है, ठीक उसी तरह से धार्मिक ग्रंथों में कौवे को भी भोजन कराने बारे में भी बताया गया है.

… इसलिए श्राद्ध में कौवों को कराया जाता भोजन?
कौए को भोजन कराने से जुड़ी पौराणिक कथा?
कौवों को भोजन कराने की एक कहानी इन्द्र पुत्र से भी जुड़ी है. पौराणिक कथा के अनुसार, इन्द्र के पुत्र जयन्त ने ही सबसे पहले कौवे का रूप धारण किया था. यह कथा त्रेतायुग की है, जब भगवान श्रीराम ने अवतार लिया और जयंत ने कौए का रूप धारण कर माता सीता के पैर में चोंच मारा था.तब भगवान श्रीराम ने तिनके का बाण चलाकर जयंत की आंख फोड़ दी थी. जब उसने अपने किए की माफी मांगी, तब राम ने उसे यह वरदान दिया कि तुम्हें अर्पित किया भोजन पितरों को मिलेगा. तभी से श्राद्ध में कौवों को भोजन कराने की परंपरा चली आ रही है. यही कारण है कि श्राद्ध पक्ष में कौवों को ही पहले भोजन कराया जाता है.