Naye Saal Ka Niyam 2026: नववर्ष 2026 में चाहते हैं आप पर भी हो भगवान की कृपा, तो जान लें नए साल के 9 नियम
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Naye Saal Ka Niyam 2026: नए साल 2026 का शुभारंभ होने वाला है. आप चाहते हैं कि नए साल में आप पर भगवान की कृपा हो, आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आए तो आपको नए साल के 9 नियमों के बारे में जानना चाहिए.
Naye Saal Ka Niyam 2025: नए साल 2026 का शुभारंभ होने में अब कुछ दिन ही शेष हैं. लोग 2025 के खट्टे-मीठे अनुभवों से आगे बढ़कर एक बड़ी उम्मीद से नए साल को देख रहे हैं कि वो उनके लिए नए अवसर लेकर आएगा. भगवान की कृपा, उनकी मेहनत और भाग्य के साथ से उनका जीवन बदल जाएगा. लोग नए साल में अपने जीवन में सुख, शांति, उन्नति और समृद्धि की कामना करते हैं, लेकिन बदलाव से डरते हैं. वो अपने जीवन में बदलाव नहीं करना चाहते. यदि आपको नए साल में भगवान की कृपा पानी है, आप भी चाहते हैं कि नया साल सुख, शांति और समृद्धि से भरा हो तो आपको नए साल के 9 नियमों का पालन करना होगा. ये 9 नियम आपके जीवन में बदलाव लाएंगे, जिससे आपका सपना पूरा होगा. आइए जानते हैं नए साल के 9 नियम क्या हैं?
नए साल के 9 नियम
प्रसिद्ध संत प्रेमानंद जी महाराज ईश्वर की कृपा प्राप्ति के लिए 9 नियम बताते हैं, जिनका पालन करके आप अपने लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं. उससे पहले आपको 6 नियमों का पालन करना है, फिर भगवत प्राप्ति के लिए 9 नियम हैं.
- भोजन: सबसे पहले व्यक्ति को अपने भोजन में सुधार करना चाहिए. वह अल्पाहार करे. आपका भोजन सात्विक होना चाहिए. मांस और मदिरा, धुम्रपान आदि का सेवन न करें. एक बात इसमें महत्वपूर्ण यह है कि आप जो भोजन कर रहे हैं, वह अनैतिक तरीके से कमाए धन से नहीं होना चाहिए. अगर यह गलत तरीके से कमाए गए धन से प्राप्त भोजन है तो उसका फल वैसा ही प्राप्त होगा.
- नींद: दूसरा नियम यह है कि आपको अपनी नींद में सुधार करना चाहिए. रात के समय में 5 से 6 घंटे की नींद लें. आप रात में 10 बजे सोएं और ब्रह्म मुहूर्त में यानि 4 बजे तक सोएं. ठीक ब्रह्म मुहूर्त में उठ जाएं. उसके बाद नहीं सोना है. सूर्योदय के बाद जो सोता है, उसकी आयु, कीर्ति, यश, धन, वैभव, बुद्धि सबका नाश हो जाता है.
- वाणी: तीसरा सबसे बड़ा नियम है कि आप अपनी वाणी में सुधार करें. किसी के लिए गलत या अपशब्दों का उपयोग न करें. जहां जरूरी है, वहां बोलें. गलत न बोलें. उचित बातों का ही उत्तर दें. व्यर्थ की बातों पर अपनी वाणी न खर्च करें.
- श्रवण यानि सुनना: चौथा नियम यह है कि आप न ही गलत बातें सुनें और न ही गलत बोलें. प्रपंच से दूर रहें. ईश्वर की भक्ति और महिमा का श्रवण करें. भगवत कथा को सुनें. अच्छी बातें, जो आपके लिए उत्तम हों, उनको ही सुनें.
- आचरण: पांचवा नियम है आचरण. आपको नए साल में अपने आचरण में सुधार करना चाहिए. दूसरों की निंदा, झूठ, गलत व्यवहार, व्यभिचार आदि से दूर रहें. अच्छे कर्म करें. दूसरों पर क्रोध न करें. शास्त्रों में कहा गया है कि काम, क्रोध, लोभ और मोह से व्यक्ति को दूर रहना चाहिए. जिन लोगों की गंदी आदतें हैं, वे कैसे ईश्वर की कृपा पा सकते हैं. भगवान की भक्ति उनको नहीं मिलती. वे लोग नरक के तरफ जाते हैं. अपने हर इंद्रिय को पवित्र करें.
- देखना: छठा नियम है देखना. आप अपनी दृष्टि को सही करें. सही चीजों को देखें. गलत की तरफ मन को न ले जाएं. नहीं तो मन तो तेजी से भटकता ही है. गलत दृश्य आपको अपने मार्ग से दूर ले जाएंगे. आप पथभ्रष्ट हो सकते हैं.
भगवत प्राप्ति के नियम
प्रेमानंद जी महाराज बताते हैं कि नौधा भक्ति से कोई श्रेष्ठ भक्ति नहीं है. 9 प्रकार की भक्ति ही प्रेम लक्षणा भक्ति प्रदान करती है. आपको ईश्वर कृपा प्राप्त करनी है तो आप इन 9 में से कोई भी एक मार्ग अपना सकते हैं.
1. श्रवणम्
2. कीर्तनम्
3. स्मरणम्
4. विष्णुपाद सेवनम्
5. अर्चनम्
6. वंदनम्
7. दास
8. सख्य
9. आत्म समर्पणम्
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कार्तिकेय तिवारी Hindi News18 Digital में Deputy News Editor के पद पर कार्यरत हैं. वर्तमान में धर्म, ज्योतिष, वास्तु और फेंगशुई से जुड़ी खबरों पर काम करते हैं. पत्रकारिता में 12 वर्षों का अनुभव है. डिजिटल पत्रक…और पढ़ें


