Nature of In-laws : सास बहू में होगी लड़ाई या प्यार ! जन्म कुंडली से मिनटों में करें पता

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Nature of In-laws : ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जन्म कुंडली के दसवें भाव से ससुराल की स्थिति का पता चलता है. शुभ ग्रहों की उपस्थिति ससुराल को संपन्न और सम्मानित बनाती है, जबकि पाप ग्रहों की उपस्थिति कमजोर करती ह…और पढ़ें

हाइलाइट्स

  • जन्म कुंडली के दसवें भाव से ससुराल की स्थिति का पता चलता है.
  • शुभ ग्रह ससुराल को संपन्न और सम्मानित बनाते हैं.
  • पाप ग्रह ससुराल की सामाजिक प्रतिष्ठा कमजोर करते हैं.

Nature of In-laws : व्यक्ति के जीवन में एक सवाल बहुत बड़ा होता है. शादी के बाद उसका ससुराल या ससुरालीजन कैसे होंगे? खासकर महिलाओं की मन में यह बात बहुत होती है की शादी के बाद उनका ससुराल के लोगों से किस प्रकार का संबंध रहेगा? क्या उन्हें ससुराल में प्यार और सम्मान मिलेगा? क्या उनकी ससुराल आर्थिक रूप से और सामाजिक रूप से मजबूत और संपन्न होगी? ज्योतिष शास्त्र में इसके बारे में जन्म कुंडली से सीधी सीधी पता लगाया जा सकता है कि व्यक्ति की ससुराल किस प्रकार की होगी.

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  1. जन्म कुंडली में दसवां भाव करियर सामाजिक प्रतिष्ठा और व्यवसाय से संबंध रखता है. सामाजिक स्थिति के साथ-साथ व्यक्ति की ससुराल किस प्रकार की होगी यह भी इसी भाव से देखा जाता है. दसवें भाव में बैठे शुभ ग्रह या दशम भाव का स्वामी उच्च या वरिष्ठ अवस्था में बैठा हो तो निश्चित रूप से व्यक्ति की ससुराल सम्मानित और आर्थिक रूप से संपन्न होती है.
  2. यदि जन्म कुंडली के दसवें भाव में राहु अथवा शनि जैसे पाप ग्रह बैठे होते हैं या किसी भी प्रकार से इनका संबंध बन रहा हो तो ससुराल पक्ष की सामाजिक प्रतिष्ठा कमजोर होती है साथ ही यह लोग आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं.
  3. अगर जन्म कुंडली के चौथे, दसवें और आठवे भाव में गुरु, शुक्र, बुध एवं चंद्र जैसे सौम्य ग्रह बैठे हों या संबंध बना रहे हों तो लड़की को ससुराल में सास से बहुत प्यार मिलता है.
  4. यदि जन्म कुंडली के चौथे, दसवें और अष्टम भाव में शनि, मंगल, राहु, सूर्य जैसी क्रूर ग्रह बैठे हो तो ससुराल से और बाकी ससुराली जनों से विशेष कष्ट मिलता है.
  5. यदि किसी जातक को ससुराल से अधिक कष्ट मिल रहे हैं तो ऐसे व्यक्ति को ससुरालीजनों अथवा साले आदि से संबंध मधुर बनाने का प्रयास करना चाहिए. क्योंकि ससुराल से खराब संबंधों से जन्म कुंडली में राहु खराब परिणाम देना शुरू कर देता है.
  6. यदि जन्म कुंडली में सप्तम भाव के स्वामी अथवा शुक्र ग्रह की स्थिति खराब होती है तो वैवाहिक जीवन में सुख नहीं मिलता है साथ ही विवाहेत्तर संबंध टूट भी जाता है.
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सास बहू में होगी लड़ाई या प्यार ! जन्म कुंडली से मिनटों में करें पता

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