Mangalwar Hanuman Puja 2025: मंगलवार को शुभ योग का संयोग, हनुमान की विशेष पूजा से दूर होंगे सारे कष्ट, शाम के समय जरूर करें यह काम
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Mangalwar Hanuman Puja 2025: मंगलवार के दिन अंजनी पुत्र हनुमानजी का व्रत रखकर पूजा अर्चना करने से सभी परेशानियों से मुक्ति मिलती है और जीवन के हर क्षेत्र में लाभ मिलता है. मंगलवार के दिन कई शुभ योग बन रहे हैं, इन शुभ योग में हनुमानजी की पूजा करने का विशेष फल प्राप्त होता है. आइए जानते हैं मंगलवार के दिन का महत्व और हनुमानजी की पूजा कैसे करें…
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि को मंगलवार को आडल योग और सिद्ध योग का संयोग पड़ रहा है, जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है. मंगलवार को रामभक्त हनुमानजी की पूजा अर्चना करने से सभी कष्ट व परेशानियों से मुक्ति मिलेगी और कुंडली में मंगल ग्रह की स्थिति मजबूत होती है. मंगलवार के दिन का व्रत रखकर हनुमानजी को चोला और सिंदूर अर्पित करने से साहस, बल, ज्ञान और शक्ति में वृद्धि होती है और भय, रोक, भूत-प्रेत जैसी नकारात्मक शक्तियों से छुटकारा मिलता है. आइए जानते हैं मंगलवार के दिन हनुमानजी की पूजा का महत्व और पूजा विधि.

द्रिक पंचांग के अनुसार, अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 44 मिनट से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगा और राहुकाल का समय दोपहर 3 से शुरू होकर 4 बजकर 26 मिनट तक रहेगा. अष्टमी का समय 13 अक्टूबर दोपहर 12 बजकर 24 मिनट से शुरू होकर 14 अक्टूबर सुबह 11 बजकर 9 मिनट तक रहेगा. मंगलवार को कोई विशेष त्योहार या व्रत नहीं है, लेकिन मंगल ग्रह के नियंत्रक के लिए जातक मंगलवार का व्रत रख सकते हैं. इस दिन सूर्य कन्या राशि में और चंद्रमा कर्क राशि में रहेंगे. इस दिन सिद्ध योग और साध्य योग बन रहा है. साथ ही चंद्रमा पुनर्वसु नक्षत्र से होते हुए पुष्य नक्षत्र में संचार करेंगे.
हनुमानजी की पूजा का महत्व
स्कंद पुराण में उल्लेख मिलता है कि मंगलवार के दिन बजरंगबली का जन्म हुआ था, जिस वजह से इस दिन उनकी पूजा का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है. रामभक्त हनुमान को मंगल ग्रह के नियंत्रक के रूप में पूजा जाता है. मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और हनुमान जी की विधि-विधान से पूजा करने से जीवन के कष्ट, भय और चिंताएं दूर हो जाती हैं. साथ ही, मंगल ग्रह से संबंधित बाधाएं भी समाप्त होती हैं.

हनुमानजी की पूजा विधि
इस दिन विधि-विधान से पूजा करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्य कर्म-स्नान आदि करने के बाद पूजा स्थल को साफ करें. फिर एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और पूजा की सामग्री रखें और उस पर अंजनी पुत्र की प्रतिमा स्थापित करें. इसके बाद सिंदूर, चमेली का तेल, लाल फूल और प्रसाद चढ़ाएं. हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ कर बजरंगबली की आरती करें. इसके बाद आरती का आचमन कर आसन को प्रणाम करके प्रसाद ग्रहण करें. शाम को भी हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करना शुभ माना जाता है. मान्यता है कि लाल रंग मंगल ग्रह का प्रतीक है. इस दिन लाल कपड़े पहनना और लाल रंग के फल, फूल और मिठाइयां अर्पित करना शुभ माना जाता है. इस पावन दिन पर हनुमान जी की आराधना कर जीवन में सुख-समृद्धि और शांति की कामना करें.
मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प…और पढ़ें
मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प… और पढ़ें


