Karwa Chauth Vrat Breaks: अगर करवा चौथ का व्रत गलती से टूट जाए तो सबसे पहले घबराएं नहीं, इन नियमों का अवश्य करें पालन
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Karwa Chauth Vrat Breaks: कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत किया जाता है और इस बार यह शुभ तिथि 10 अक्टूबर दिन शुक्रवार को है. कई बार ध्यान नहीं रहता है और महिलाएं कुछ भी खा या पी लेती हैं, जिससे व्रत टूट जाता है. अगर आपके साथ ऐसा कुछ हो जाए तो इन नियमों का अवश्य पालन करें…
Agar Karwa Chauth Vrat Toot Jaye Toh Kya Kare? : करवा चौथ का व्रत हिंदू धर्म में सुहागिन स्त्रियों का सबसे पवित्र और प्रिय व्रत माना गया है. यह व्रत पति की दीर्घायु, उत्तम स्वास्थ्य और अखंड सौभाग्य के लिए किया जाता है. इस दिन महिलाएं पूरे दिन निर्जला उपवास रखती हैं अर्थात ना तो जल पीती हैं और ना भोजन करती हैं, जब तक कि चंद्र दर्शन ना हो जाए. करवा चौथ का व्रत व्रत त्याग, प्रेम और समर्पण का प्रतीक है, इस व्रत के माध्यम से महिला अपने आत्मबल और श्रद्धा से ब्रह्मांडीय शक्तियों को साधती है ताकि उसका परिवार सुरक्षित रहे. लेकिन अगर कभी गलती से व्रत टूट जाए चाहे जल पीने से, कुछ खाने से या किसी दवाई की वजह से तो चिंता या अपराधबोध में आने की जरूरत नहीं है. हिंदू धर्म में भावना को कर्म से अधिक महत्व दिया गया है. आइए जानते हैं क्या करें अगर आपका करवा चौथ का व्रत गलती से टूट जाए…
अगर आप करवा चौथ का व्रत कर रही हैं और गलती से टूट जाए तो सबसे पहले घबराने की जरूरत नहीं है. ना ही मन में किसी तरह के गलत विचारों को आने दें क्योंकि धर्मशास्त्रों में कहा गया है कि ‘भावना प्रधानं फलं ददाति’ अर्थात भगवान भावना को देखते हैं, ना कि बाहरी कर्म को. अगर आपकी नीयत पति की लंबी उम्र और सुख के लिए थी, तो आपका व्रत फिर भी सफल माना जाता है.

इनसे मांगे क्षमा
अगर गलती से व्रत टूट जाए तो सबसे पहले शांत मन से भगवान शिव, माता पार्वती और चंद्रदेव से क्षमा मांगे. आप कह सकती हैं – हे माता पार्वती, यह व्रत मैंने श्रद्धा और प्रेम से रखा था. भूलवश इसमें गलती हो गई. कृपया करके इसे क्षमा करें और मेरे पति को दीर्घायु और सुख दें और मेरे परिवार पर अपना आशीर्वाद बनाए रखें. इस तरह का भावनात्मक संकल्प क्षमा प्रार्थना कहलाता है और इसे अत्यंत शुभ माना गया है.
इन नियमों का करें पालन
अगर भूलवश कुछ खा या पी लिया है तो आप कुल्ला करके फिर से स्नान करें और ईश्वर से क्षमा मांग लें और फिर से करवा चौथ के व्रत का संकल्प लें और उपवास शुरू कर दें. जैसे आप सुबह से व्रत के अनुष्ठान करते आ रहे हैं, ठीक वैसे ही कर रहें लेकिन मन में किसी भी तरह का अपराध बोध में ना रखें. शाम की पूजा और चांद की आरती अवश्य करें. सोलह श्रृंगार करके माता पार्वती और भगवान शिव की आरती करें. करवा माता को दीप अर्पित करें. चांद निकलने पर पति के साथ पूजा करें और जल अर्पित करें. आपका संकल्प और श्रद्धा ही इस पूजा को पूर्णता देते हैं.
अगले दिन उपवास क्षमा प्रार्थना करें
अगले दिन सुबह स्नान के बाद भगवान से क्षमा मांगें और किसी सुहागिन या जरूरतमंद महिला सुहाग का सामान अर्पित करें और भोजन करवाएं. यह धार्मिक रूप से उपवास का प्रायश्चित माना जाता है. करवा चौथ का सार सिर्फ व्रत नहीं, बल्कि पति-पत्नी के बीच का स्नेह और समर्पण है. अगर व्रत टूट जाए, तो पति का यह कहना तुम्हारा भाव ही मेरे लिए सबसे बड़ा व्रत है. इस दिन को और पवित्र बना देता है.

अगर स्वास्थ्य कारण से टूटा हो
अगर आप बीमार थीं, गर्भवती हैं या दवा लेने के कारण व्रत टूट गया, तो धर्म में यह अवश्यमेव क्षम्य (क्षमा योग्य) स्थिति है. ऐसे में आप अपनी स्थिति को ध्यान में रखकर फ्रूट फास्ट या आंशिक उपवास जारी रख सकती हैं. भगवान आपकी भक्ति देखते हैं, ना कि भूख या प्यास की परीक्षा.
मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प…और पढ़ें
मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प… और पढ़ें


