Disha Shool : क्या है दिशा शूल? भूलकर भी शनिवार-रविवार को ना करें इस दिशा की तरफ यात्रा, जानकर ही बनाएं जाने का प्लान

Disha Shool : क्या है दिशा शूल? भूलकर भी शनिवार-रविवार को ना करें इस दिशा की तरफ यात्रा, जानकर ही बनाएं जाने का प्लान

Disha Shool : यात्रा सभी करते हैं. कोई हर दिन नौकरी पर जाने के लिए तो कोई हॉस्पिटल जाने के लिए, कोई धार्मिक कार्यों के लिए तो कोई काम से. कभी कभी सफर करना यादगार रह जाता है तो कभी कष्टकारी हो जाता है. कभी यात्रा के दौरान अच्छे लोगों से मुलाकात होती है तो कभी यात्रा करते समय लड़ाई-झगड़ा तक हो जाता है. किसी यात्रा पर लोगों को नौकरी मिलने या किसी काम के पूरा होने की सूचना मिलती है तो कभी असफलता हाथ लगती है. आपकी यात्रा शुभ होगी या अशुभ, उन कारणों में से एक दिशाशूल योग हो सकता है. दिशाशूल बताता है कि किस दिन किस दिशा की तरफ यात्रा पर नहीं जाना चाहिए और किस दिश कौन सी दिशा की तरफ यात्रा करने से लाभ होता है. आइए जानते हैं दिशाशूल योग क्या है…

क्या है दिशा शूल?
शास्त्रों के अनुसार, दिशा शूल बहुत ही अशुभ योग के रूप में देखा जाता है. जिस दिशा की तरफ दिशाशूल बनता है, उस दिशा की तरफ यात्रा करने से बचना चाहिए. ऐसी दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए अन्यथा कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. हमेशा घर से बाहर किसी जरूरी काम या लंबी यात्रा पर निकलने से पहले यह जरूर देख लेना चाहिए कि आज किस दिशा की तरफ दिशा शूल बन रहा है.

अगर आपको पहले से ही जानकारी मिल जाए कि किस ओर जाना आपके लिए शुभ हो सकता है या किस दिशा की तरफ जाने से नुकसान तो उसी हिसाब से अपनी यात्रा का दिन तय कर सकते हैं और बिना किसी झंझट के आना-जाना सकते हैं. दिशा शूल का अर्थ है वह दिशा जिसमें विशेष दिन यात्रा करने से बाधाएं, दुर्घटना, थकावट, नुकसान या मानसिक तनाव बढ़ सकता है. दिशा यानी डायरेक्शन का अर्थ है दिशा और शूल का अर्थ है कांटा या बाधा. अर्थात उस दिशा में यात्रा करने पर बाधाओं का संकेत मिलते हैं.

सप्ताह में किस दिन कौन सी दिशा की तरफ लगता है शूल
सप्ताह के हर दिन एक विशेष दिशा की तरफ दिशा शूल लगता है, जिस दिशा में शूल लगा हो, उस ओर यात्रा करने से बचना चाहिए.

सोमवार और शनिवार के दिन
सोमवार और शनिवार के दिन पूर्व दिशा की यात्रा करना अशुभ माना जाता है. इन दो दिन पूर्व दिशा की ओर सफर करने से बचना चाहिए, अगर सच में बहुत जरूरी काम हो तो उपाय कर सकते हैं. इन दो दिनों में यात्रा करना जरूरी है तो आप यात्रा से पहले 1 चम्मच दही-चीनी खाकर ही घर से बाहर निकलें.

मंगलवार और बुधवार के दिन
मंगलवार और बुधवार के दिन उत्तर दिशा की तरफ दिशा शूल होता है, इसलिए इन दोनों दिन में उत्तर दिशा की तरफ यात्रा करने से बचना चाहिए. मंगलवार को उत्तर-पश्चिम कोण भी प्रभावित माना जाता है, इसलिए जरूरी यात्रा हो तो हमेशा गुड़ खाकर ही बाहर निकलें. बुधवार के दिन दिशा शूल को हल्का करने के लिए तिल और धनिया खाकर यात्रा शुरू करें. वहीं बुधवार और शनिवार के दिन ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए.

गुरुवार के दिन
गुरुवार के दिन दक्षिण दिशा में दिशा शूल लगता है. इसलिए, गुरुवार के दिन दक्षिण दिशा की ओर यात्रा करने से बचना चाहिए. अगर जाना जरूरी हो तो गुरुवार के दिन हमेशा दही खाकर घर से निकलना शुभ माना जाता है. यह उपाय सभी अशुभ योग को दूर करते हैं.

शुक्रवार और रविवार
शुक्रवार और रविवार को पश्चिम दिशा की तरह दिशा शूल लगता है. अगर इन दो दिनों में पश्चिम दिशा की तरफ यात्रा का टाला नहीं जा सकता तो आप शुक्रवार के दिन जौ खाकर और रविवार के दिन दलिया खाकर ही घर से बाहर निकलना शुभ उपाय माना गया है.

जरूरी जानकारी
नासिका का जो स्वर चलता है, उस दिशा की तरफ पैर आगे बढ़कर यात्रा करना चाहिए. हमेशा कदम बढ़ाने से पहले पांच कदम उल्टे पीछे की ओर चलें. दिशा शूल का व बायां लेना ठीक माना जाता है. सामने की तरफ या दाहिने साइड वर्जित माना गया है.

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