Budh Pradosh Vrat Katha: बुध प्रदोष व्रत की कथा पढ़ने व सुनने से हर कष्ट होगा दूर, भगवान शिव की बरसेगी कृपा

Budh Pradosh Vrat Katha: बुध प्रदोष व्रत की कथा पढ़ने व सुनने से हर कष्ट होगा दूर, भगवान शिव की बरसेगी कृपा

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Budh Pradosh Vrat Katha: आज सावन मास का प्रदोष तिथि का व्रत किया जाएगा. बुध प्रदोष के दिन शिव की उपासना करने से सर्व पापों का नाश और मनोकामना की पूर्ति होती है. इस समय शिव तांडव मुद्रा में होते हैं और भक्त की प…और पढ़ें

हाइलाइट्स

  • बुध प्रदोष व्रत से सभी कष्ट दूर होते हैं.
  • शिव की उपासना से मनोकामना पूरी होती है.
  • बुध प्रदोष व्रत कथा सुनने का विशेष महत्व है.
Budh Pradosh Vrat Katha: आज सावन का अंतिम प्रदोष तिथि का व्रत किया जाएगा. प्रदोष तिथि बुधवार के दिन पड़ने की वजह से इस तिथि को बुध प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाएगा. बुध प्रदोष व्रत, अर्थात बुधवार को आने वाला प्रदोष व्रत, भगवान शिव की उपासना के साथ-साथ बुध ग्रह की कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत फलदायक माना गया है. प्रदोष तिथि के दिन शिव पूजन के बाद कथा सुनने का विशेष महत्व है. मान्यता है कि प्रदोष तिथि का व्रत रखकर कथा सुनने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है.

बुध प्रदोष व्रत कथा (Budh Pradosh Vrat Katha)
प्राचीन काल की बात है, एक पुरुष का नया-नया विवाह हुआ. विवाह के दो ही दिन हुए थे और उसकी पत्‍नी मायके चली गई. कुछ दिनों के बाद वह पुरुष पत्‍नी को लेने उसके यहां गया. बुधवार को जब वह पत्‍नी के साथ लौटने लगा तो ससुराल पक्ष ने उसे रोकने का प्रयत्‍न किया कि विदाई के लिए बुधवार का दिन शुभ नहीं होता है. लेकिन दामाद माना नहीं और पत्‍नी के साथ बैल गाड़ी में चल पड़ा. विवश होकर सास ससुर ने अपने जमाई और पुत्री को भारी मन से विदा किया.

नगर के बाहर पहुंचने पर पत्‍नी को प्यास लगी. पुरुष लोटा लेकर पानी की तलाश में चल पड़ा. पत्‍नी एक पेड़ के नीचे बैठ गई. थोड़ी देर बाद पुरुष पानी लेकर वापस लौटा, तब उसने देखा कि उसकी पत्‍नी किसी के साथ हंस-हंसकर बातें कर रही है और उसके लोटे से पानी पी रही है. उसको क्रोध आ गया. वह निकट पहुंचा तो उसके आश्‍चर्य का कोई ठिकाना न रहा, क्योंकि उस आदमी की सूरत उसी की भांति थी. पत्‍नी भी सोच में पड़ गई. दोनों पुरुष झगड़ने लगे.

धीरे धीरे वहां कॉफी भीड़ एकत्रित हो गई और सिपाही भी आ गए. हमशक्ल आदमियों को देख वे भी आश्‍चर्य में पड़ गए. उन्होंने स्त्री से पूछा- उसका पति कौन है? वह आश्चर्यचकित अवस्था से देखती रही. तब वह पुरुष भगवान शिव से प्रार्थना करने लगा- हे भगवान! हमारी रक्षा करें. मुझसे बड़ी भूल हुई कि मैंने सास-ससुर की बात नहीं मानी और बुधवार को पत्‍नी को विदा करा लिया. मैं भविष्य में ऐसी गलती दोबारा नहीं करूंगा.

जैसे ही उसकी प्रार्थना पूरी हुई, दूसरा पुरुष अंतर्ध्यान हो गया. पति-पत्‍नी सकुशल अपने घर पहुंच गए. उस दिन के बाद से पति-पत्‍नी नियमपूर्वक बुध त्रयोदशी प्रदोष का व्रत रखने लगे. इसलिए बुध त्रयोदशी व्रत हर मनुष्य को करना चाहिए.
भगवान शिव की जय, माता पार्वती की जय, शिव परिवार की जय, बोलो हर हर महादेव…

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Parag Sharma

मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प…और पढ़ें

मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प… और पढ़ें

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बुध प्रदोष व्रत की कथा पढ़ने व सुनने से हर कष्ट होगा दूर, जय जय महादेव

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