Baba Vishwanath Saptarishi Aarti: 750 साल से प्रतिदिन होती है बाबा विश्वनाथ की सप्त ऋषि आरती, जानें महत्व और समय

Baba Vishwanath Saptarishi Aarti: 750 साल से प्रतिदिन होती है बाबा विश्वनाथ की सप्त ऋषि आरती, जानें महत्व और समय

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Baba Vishwanath Saptarishi Aarti: हर दिन काशी विश्वनाथ धाम में सप्त ऋषि आरती होती है. इस आरती में हर कोई शामिल हो सकता है. मान्यता है कि सप्त ऋषि काशी विश्वनाथ की आरती में शामिल होते हैं. सावन के महीने में देश-…और पढ़ें

हाइलाइट्स

  • सप्त ऋषि आरती का इतिहास 750 वर्षों से भी पुराना है.
  • सप्त ऋषि आरती प्रतिदिन संध्याकाल 7 बजे होती है.
  • सावन में भक्त देश-विदेश से आकर आरती में शामिल होते हैं.
Baba Vishwanath Saptarishi Aarti: धर्मनगरी, गंगानगरी कहें या शिवनगरी… देवाधिदेव महादेव को प्रिय सावन के महीने में उनकी नगरी एक अलग ही रंग में रंगी हुई है. श्री काशी विश्वनाथ मंदिर भक्ति और आध्यात्मिकता के रंग में डूबा हुआ है. हर शाम होने वाली ‘सप्त ऋषि आरती’ भक्तों के लिए एक अलौकिक अनुभव है, जिसका इतिहास 750 वर्षों से भी अधिक पुराना है. यह अनुष्ठान न केवल काशी की सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है, बल्कि भगवान शिव के प्रति अटूट श्रद्धा का प्रतीक भी है.

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बाबा विश्वनाथ की आरती करने आते हैं सप्तऋषि
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, सप्त ऋषि आरती एक प्राचीन अनुष्ठान है, जिसमें सात अलग-अलग गोत्रों के शास्त्री, पंडित, या पुरोहित एक साथ मिलकर भगवान शिव की आरती करते हैं. मान्यता है कि हर शाम सात ऋषि (सप्तऋषि) स्वयं बाबा विश्वनाथ की आरती करने आते हैं. यही कारण है कि यह पवित्र अनुष्ठान प्रतिदिन संध्याकाल 7 बजे संपन्न होता है. पूर्णिमा तिथि पर यह आरती एक घंटा पहले, यानी शाम 6 बजे, शुरू होती है.

सप्त ऋषि आरती का समय
इस विशेष आरती में कोई भी भक्त शामिल हो सकता है. भक्तों को इस विशेष आरती में शामिल होने के लिए सामान्य दिनों में शाम 6:30 बजे तक और पूर्णिमा पर 5:30 बजे तक मंदिर में प्रवेश की अनुमति होती है. सावन के महीने में काशी विश्वनाथ मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है. सप्त ऋषि आरती के दौरान मंदिर का गर्भगृह मंत्रोच्चार और घंटियों की ध्वनि से गूंज उठता है. इस दौरान सात पंडितों द्वारा की जाने वाली आरती में दीपों की रोशनी और भक्ति का संगम भक्तों को एक खास आध्यात्मिक अनुभव देता है. मंदिर प्रशासन भक्तों की सुविधा के लिए विशेष व्यवस्थाएं करता है ताकि अधिक से अधिक लोग इस अनुष्ठान का हिस्सा बन सकें.

बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है काशी विश्वनाथ मंदिर
काशी विश्वनाथ मंदिर, बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जो भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर का भी प्रतीक है. यह मंदिर न केवल आध्यात्मिक केंद्र है, बल्कि काशी की सनातन परंपराओं का भी उदाहरण है. सप्त ऋषि आरती की परंपरा इस मंदिर की प्राचीनता और भक्ति की गहराई को दिखाती है. सावन के महीने में देश-विदेश से आए भक्त इस आरती में शामिल होकर बाबा विश्वनाथ का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं.

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Parag Sharma

मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प…और पढ़ें

मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प… और पढ़ें

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