Ashwin Amavasya 2025: पितरों के निमित्त ये आसान उपाय आश्विन अमावस्या पर ज़रूर करें, मिलेगी शांति और समृद्धि का वरदान

Ashwin Amavasya 2025: पितरों के निमित्त ये आसान उपाय आश्विन अमावस्या पर ज़रूर करें, मिलेगी शांति और समृद्धि का वरदान

Ashwin Amavasya 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह की अमावस्या का विशेष महत्व होता है, लेकिन आश्विन माह की अमावस्या को एक विशेष स्थान प्राप्त है. यह तिथि सिर्फ एक अमावस्या नहीं होती, बल्कि इसे सर्वपितृ अमावस्या भी कहा जाता है. यही वो दिन होता है जब पितृपक्ष का समापन होता है और पितरों को अंतिम बार श्रद्धा, भक्ति और तर्पण के साथ विदा किया जाता है. इस वर्ष आश्विन अमावस्या 2025 की तिथि भी बहुत खास है क्योंकि यह दिन सिर्फ पितरों को संतुष्ट करने का ही नहीं, बल्कि जीवन में शांति, समृद्धि और समस्याओं से छुटकारा पाने का भी अवसर देता है. आइए जानते हैं कि इस दिन क्या करना चाहिए जिससे घर परिवार में सुख, शांति और सौभाग्य बना रहे. इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा.

आश्विन अमावस्या 2025 कब है?
आश्विन माह की अमावस्या तिथि वर्ष 2025 में 28 सितंबर, रविवार को पड़ रही है. यह दिन रविवार को होने के कारण और भी खास माना जाएगा क्योंकि सूर्य देव भी पितरों से जुड़ी परंपराओं में एक अहम भूमिका निभाते हैं.

2. पितरों के नाम पर दीपक जलाएं
घर के दक्षिण दिशा वाले हिस्से में शाम को एक दीपक जलाएं और पितरों को याद करें. मान्यता है कि इससे उनका आशीर्वाद घर परिवार को मिलता है.

3. दान करें
इस दिन जरूरतमंदों को अन्न, कपड़े या धन का दान करें. खासकर काले तिल, सफेद चावल, वस्त्र या लोहे से बनी चीजें दान करना शुभ होता है.

4. कौए, कुत्ते और गाय को खिलाएं भोजन
ऐसी मान्यता है कि पितृपक्ष में ये जीव आत्माओं के प्रतीक होते हैं. इन्हें भोजन कराने से पितर प्रसन्न होते हैं.

5. कलह से बचें
इस दिन घर में झगड़ा या ऊंची आवाज़ में बोलने से बचें. माना जाता है कि पितर ऐसे वातावरण से दूर हो जाते हैं और उनका आशीर्वाद नहीं मिलता.

6. घर की सफाई जरूर करें
इस दिन घर के कोनों में जमा गंदगी को साफ करें और गंगाजल का छिड़काव करें. इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है.

7. मंत्र जाप करें
अपने इष्ट देव या पितरों के नाम पर “ॐ पितृदेवाय नमः” मंत्र का जाप करें. इससे मन को शांति मिलती है और आत्मिक लाभ होता है.

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