Shukravar Vrat: साल के अंतिम शुक्रवार को आडल योग, तो कैसे होगा व्रत और पूजन? जानें उपाय, पूजा विधि, मंत्र, भोग और महत्व
Last Shukravar Vrat 2025: इस साल का अंतिम शुक्रवार व्रत 26 दिसंबर 2025 को है. उस दिन आडल योग बन रहा है. उस दिन पौष माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि शुक्रवार दोपहर 1 बजकर 43 मिनट तक रहेगी. इसके बाद सप्तमी तिथि लग जाएगी. इस दिन सूर्य धनु और चंद्रमा 27 दिसंबर तक सुबह 3 बजकर 10 मिनट तक कुम्भ राशि में रहेंगे.
द्रिक पंचांग के अनुसार, अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 1 मिनट से शुरू होकर 12 बजकर 42 मिनट तक रहेगा और राहुकाल का समय सुबह 11 बजकर 4 मिनट से शुरू होकर 12 बजकर 22 मिनट तक रहेगा. इस तिथि पर आडल योग लग रहा है.
आडल योग कब से कब तक?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, आडल योग एक अशुभ योग माना जाता है, जिसमें शुभ कार्य करना वर्जित माना जाता है, लेकिन राहत की बात है कि इसका समय सुबह 7 बजकर 12 मिनट से शुरू होकर 9 बजे तक रहेगा. योग खत्म होने के बाद जातक कोई भी कार्य कर सकते हैं.
आडल योग का उपाय
हालांकि, धर्मशास्त्रों में आडल योग में बचने के कुछ उपाय बताए गए हैं, जिनमें सूर्य पुत्र की विधिवत पूजा, जिसके करने से उनकी कृपा बनी रहती है और दुष्प्रभाव भी खत्म होते हैं.
शुक्रवार व्रत और पूजा विधि
इसी तिथि पर शुक्रवार भी पड़ रहा है. ब्रह्मवैवर्त और मत्स्य पुराण में शुक्रवार व्रत का उल्लेख मिलता है. इसमें बताया गया है कि इस तिथि पर मां लक्ष्मी और संतोषी माता की पूजा अर्चना करनी चाहिए. मान्यता है कि शुक्रवार व्रत सुख, शांति, धन-धान्य और समृद्धि और वैवाहिक जीवन में शांति लाने के लिए किया जाता है.
इस दिन पूजन करने के लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें. पूजा स्थल पर गंगाजल छिड़कें. लाल कपड़े पर माता लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें. दीप जलाएं और फूल, चंदन, अक्षत, कुमकुम और मिठाई का भोग लगाएं. ‘श्री सूक्त’ और ‘कनकधारा स्तोत्र’ का पाठ करें. मंत्र जप करें, ‘ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः’ और ‘विष्णुप्रियाय नमः’ का जप भी लाभकारी है.
पूजा के अंत में कमल पुष्प अर्पित करें, लक्ष्मी चालीसा पढ़ें. प्रसाद में खीर, मिश्री और बर्फी बांटें.


