Yamraj Ki Kachari: पृथ्वी लोक में यहां पर होता है आत्मा का हिसाब-किताब, यमराज की लगती है कचहरी, यहीं से आता है आपका फैसला

Yamraj Ki Kachari: पृथ्वी लोक में यहां पर होता है आत्मा का हिसाब-किताब, यमराज की लगती है कचहरी, यहीं से आता है आपका फैसला

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Yamraj Ki Kachari: कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को यम द्वितीया या भाई दूज के पर्व के नाम से जाना जाता है. भाई यमराज और बहन यमुना देवी, जो ग्रहों के राजा और पृथ्वी की आत्मा कहने जाने वाले सूर्यदेव हैं, जिनको सूर्य नारायण के नाम से भी जाना जाता है. मृत्यु के देवता यमराज का पृथ्वी लोक पर एक मंदिर है, जहां आत्मा का होता है हिसाब किताब…

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Yamraj Ki Kachari, Bhai Dooj 2025: कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को यम द्वितीया या भाई दूज के नाम से जाना जाता है. यम द्वितीया से पता चलता है कि यह पर्व मृत्यु के देवता यमराज से जुड़ा हुआ है. दरअसल यमराज की बहन यमुना देवी हैं, जो ब्रज में एक पवित्र नदी के तौर पर ब्रजवासियों को आशीर्वाद देती हैं. यह पर्व भाई यमराज और बहन यमुना देवी के रिश्तों को वर्णन करता है. हिंदू धर्म की मानें, तो मृत्यु के बाद आत्मा स्वर्ग या नरक में से कहां जाएगी? इसका फैसला यमराज की कचहरी में होता है. यम द्वितीया पर जानें यमराज की इस कचहरी के बारे में…

अच्छे-बुरे कर्मों का हिसाब
क्या आपको पता है कि मृत्यु के देवता कहे जाने वाले यमराज की सिर्फ यमलोक में ही नहीं, बल्कि धरती पर भी उनकी कचहरी लगती है, जहां व्यक्ति के अच्छे-बुरे कर्मों का हिसाब होता है.
हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के भरमौर में स्थित है एक रहस्यमय और प्राचीन मंदिर, जिसे यमराज की कचहरी कहा जाता है. ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों के बीच बसे भरमौर में यह मंदिर बहुत ही साधारण सा दिखता है, मानों एक छोटा सा घर हो. लेकिन, कोई भी यहां आने से कतराता है.

रहस्यमयी है मंदिर की विशेषता
मंदिर की मान्यता बेहद विशेष और रहस्यमय है. कहा जाता है कि किसी भी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसकी आत्मा सबसे पहले इसी स्थान पर आती है. यहां भगवान चित्रगुप्त आत्मा के सभी अच्छे और बुरे कर्मों का लेखा-जोखा जांचते हैं. मंदिर में एक खाली कमरा है, जिसे चित्रगुप्त का कक्ष माना जाता है. इसी कमरे में आत्मा को लाया जाता है, जहां चित्रगुप्त अपनी बही ‘अग्रसंधानी’ से उस आत्मा के जीवन भर के कर्म पढ़ते हैं. इसके बाद आत्मा को सामने वाले कक्ष यानी यमराज की अदालत में ले जाया जाता है और वहीं तय होता है कि आत्मा को स्वर्ग भेजा जाएगा या नरक.

मंदिर में हैं चार द्वार
इस मंदिर में चार द्वार हैं, जो तांबे, लोहे, सोने और चांदी के बने हुए माने जाते हैं. मान्यता है कि आत्मा को उसके कर्मों के अनुसार इन द्वारों में से किसी एक से स्वर्ग या नरक की ओर भेजा जाता है. स्थानीय लोग इस मंदिर से कतराते हैं. यहां का माहौल इतना गंभीर और रहस्यमय है कि अधिकतर लोग मंदिर को बाहर से ही प्रणाम कर लेते हैं. कोई भी इसके अंदर जाने की हिम्मत नहीं करता.

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Parag Sharma

मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प…और पढ़ें

मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प… और पढ़ें

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पृथ्वी लोक में यहां पर होता है आत्मा का हिसाब-किताब, यमराज की लगती है कचहरी

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