वाणी में तीखापन और हेल्थ प्रॉब्लम्स लाता है सूर्य का दूसरे भाव में होना, खूबियां चौंका देंगी आपको, जानें शुभ-अशुभ प्रभाव और उपाय
Sun In 2nd House Effects: जन्म कुंडली में सूर्य की स्थिति इंसान के आत्मविश्वास, व्यक्तित्व, सफलता और समाज में उसकी पहचान को दिखाती है. जब सूर्य दूसरे भाव में बैठता है, तो इसका असर व्यक्ति की बोलचाल, धन, परिवार और प्रतिष्ठा पर साफ तौर पर दिखाई देता है. दूसरे भाव को ‘धन भाव’ कहा गया है – यानी पैसा, परिवार, वाणी और बचत से जुड़ा भाव. ऐसे में जब सूर्य जैसा तेजस्वी ग्रह यहां आता है, तो व्यक्ति में आत्मसम्मान, स्वाभिमान और अपनी बात रखने की क्षमता बहुत प्रबल होती है. सूर्य दूसरे भाव में होने से इंसान को धन कमाने की मजबूत इच्छा रहती है. वह अपने मेहनत और आत्मविश्वास से कमाई करता है, लेकिन साथ ही कभी-कभी उसकी वाणी थोड़ी कड़वी भी हो सकती है. कई बार यह स्थिति पिता से संबंधों में थोड़ी दूरी भी ला देती है, लेकिन जीवन के बाद के वर्षों में वही व्यक्ति अपने परिवार का गर्व बनता है. कुल मिलाकर, सूर्य का दूसरा भाव जीवन के शुरुआती संघर्षों के बाद चमकदार उपलब्धियों की ओर इशारा करता है. इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी, वास्तु विशेषज्ञ एवं न्यूमेरोलॉजिस्ट हिमाचल सिंह.
1. धन कमाने की क्षमता बढ़ती है: सूर्य दूसरे भाव में व्यक्ति को मेहनती, कर्मठ और आत्मनिर्भर बनाता है. ऐसे लोग अपनी पहचान खुद बनाते हैं और अक्सर सरकारी नौकरी, प्रशासनिक पद या पब्लिक डीलिंग वाले काम में सफलता पाते हैं.
2. बोलने में दम होता है: इनकी वाणी में असर होता है. लोग इनकी बात को ध्यान से सुनते हैं. यदि ये व्यक्ति राजनीति, मीडिया, टीचिंग या मोटिवेशनल स्पीकिंग से जुड़ें तो बड़ी पहचान बना सकते हैं.
3. आत्मविश्वास और नेतृत्व: ये लोग आत्मविश्वासी और गर्वित स्वभाव के होते हैं. दूसरों को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं और अपने निर्णयों पर डटे रहते हैं.
4. संपत्ति और परिवार का सहयोग: सूर्य अगर शुभ स्थिति में हो, तो ऐसे जातक को पिता की ओर से संपत्ति मिलती है और परिवार का नाम रोशन होता है.
5. आर्थिक स्थिरता: समय के साथ ये लोग धन को संभालना और सही निवेश करना सीख जाते हैं. जीवन के उत्तरार्ध में आर्थिक स्थिरता पक्की रहती है.
नकारात्मक प्रभाव
1. वाणी में तीखापन: सूर्य जब कमजोर या पाप ग्रहों से प्रभावित हो तो व्यक्ति की बोलचाल में अहंकार झलकता है. इससे रिश्तों में खटास आ सकती है.
2. पारिवारिक तनाव: कभी-कभी पिता या बड़े भाई से मतभेद हो सकते हैं. शुरुआती जीवन में पारिवारिक माहौल उतना अनुकूल नहीं रहता.
3. आत्मसम्मान का ओवरलोड: ये लोग कई बार अपने स्वाभिमान में इतने कठोर हो जाते हैं कि दूसरों की बात सुनना पसंद नहीं करते. इससे सहयोगी या जीवनसाथी के साथ मतभेद हो सकते हैं.
4. धन हानि की संभावना: सूर्य अगर अशुभ स्थिति में हो तो अचानक खर्च बढ़ सकते हैं या धन अटक सकता है.
5. स्वास्थ्य पर असर: गले, आंखों, या मुंह से जुड़ी परेशानी, खासकर गर्मी या ब्लड प्रेशर से जुड़ी दिक्कतें हो सकती हैं.
उपाय
1. सूर्य को जल चढ़ाएं: रोज़ सुबह तांबे के लोटे में पानी भरकर सूर्य को अर्घ्य देने से सकारात्मक प्रभाव बढ़ते हैं.
2. गुड़ और गेहूं का दान करें: रविवार को मंदिर या ज़रूरतमंदों को गुड़, गेहूं या लाल कपड़ा दान करना शुभ रहता है.
3. सूर्य मंत्र का जाप करें: “ॐ घृणि सूर्याय नमः” का रोज़ 11 बार जाप करने से आत्मबल और आर्थिक स्थिति में सुधार आता है.
4. लाल या नारंगी रंग के कपड़े पहनें: ये रंग सूर्य को प्रसन्न करते हैं और आत्मविश्वास बढ़ाते हैं.
5. पिता या बुजुर्गों का सम्मान करें: सूर्य पिता का कारक ग्रह है, इसलिए उनके प्रति आदर रखने से ग्रह मजबूत होता है.