Govardhan Puja 2025: गोवर्धन पूजा, अन्नकूट के साथ बलि प्रतिपदा और गुजराती नव वर्ष बुधवार को, जानें महत्व
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Govardhan Puja 2025: 22 अक्टूबर को कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि है और इस दिन गोवर्धन पूजन किया जाता है. गोवर्धन पूजन के साथ ही इस दिन बलि प्रतिपदा और गुजराती नव वर्ष भी मनाया जाता है. भारत देश विविधताओं से भरा देश है और यहां हर दिन कोई ना कोई पर्व मनाया जाता है. आइए जानते हैं गोवर्धन पूजा, अन्नकूट के साथ बलि प्रतिपदा और गुजराती नव वर्ष का महत्व…
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 22 अक्टूबर दिन बुधवार को है. इस दिन गोवर्धन पूजन, अन्नकूट पूजा, बलि प्रतिपदा और गुजराती नव वर्ष है. ये सभी पर्व दीवाली के बाद मनाए जाते हैं और इनका धार्मिक व सांस्कृतिक महत्व विशेष है. दिवाली के बाद गोवर्धन पूजन किया जाता है लेकिन इस बार अमावस्या तिथि दो दिन होने की वजह से गोवर्धन पूजन 22 अक्टूबर को मनाया जाएगा. गोवर्धन पूजन को अन्नकूट महोत्सव के नाम से जाना जाता है. साथ ही इस दिन गुजराती नववर्ष का प्रारंभ भी हो जाता है. आइए जानते हैं इन त्योहार का महत्व…

शुभ योग में होगा पूजन
द्रिक पंचांग के अनुसार, सूर्य तुला राशि में और चंद्रमा भी तुला राशि में रहेंगे. इस दिन कोई अभिजीत मुहूर्त नहीं है और राहुकाल का समय दोपहर 12 बजकर 5 मिनट से शुरू होकर 1 बजकर 30 मिनट तक रहेगा. गोवर्धन पूजा के दिन प्रीति योग और आयुष्मान योग बन रहा है, जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है.
गोवर्धन पूजा 2025
भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठाकर इंद्र देवता के अहंकार को खत्म किया था, जिसके बाद गोवर्धन पूजा करने की परंपरा शुरू हुई. यह पर्व कार्तिक प्रतिपदा को मनाया जाता है, जिसे अन्नकूट पूजा के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन लोग गेहूं, चावल, बेसन की कढ़ी और पत्तेदार सब्जियों से बने स्वादिष्ट व्यंजन तैयार करते हैं और इसे भगवान कृष्ण को अर्पित करते हैं. यह पूजा प्रकृति और अन्न के महत्व को भी दर्शाती है. महाराष्ट्र में इसे बलि प्रतिपदा या बलि पड़वा के रूप में मनाया जाता है, जिसमें भगवान वामन की राजा बलि पर विजय की कथा को याद किया जाता है.

बलि प्रतिपदा 2025
बलि प्रतिपदा का उल्लेख कूर्म पुराण, मत्स्य पुराण और ब्रह्म पुराण में मिलता है. यह पर्व दानव राजा बलि को समर्पित है. मान्यता है कि भगवान विष्णु ने वामन अवतार में राजा बलि को पाताल लोक भेजा था, लेकिन उन्हें तीन दिन पृथ्वी पर आने की अनुमति दी थी. इस दिन भक्त राजा बलि और उनकी पत्नी विन्ध्यावली की छवि को पांच रंगों से सजाकर पूजा करते हैं. दक्षिण भारत में ओणम पर्व के दौरान भी राजा बलि की पूजा की जाती है, जो बलि प्रतिपदा से मिलती-जुलती है.
गुजराती नव वर्ष 2025
गुजराती समुदाय कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा को नया साल मनाते हैं. इस दिन पुरानी खाता बही (चोपड़ा) बंद कर नई पुस्तकों का शुभारंभ किया जाता है. दीवाली की लक्ष्मी पूजा के दौरान चोपड़ाओं का पूजन होता है, जिसमें मां लक्ष्मी से समृद्धि की प्रार्थना की जाती है. नई खाता बही पर शुभ चिह्न बनाकर लोग नए वित्तीय वर्ष को लाभकारी बनाने की कामना करते हैं.
मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प…और पढ़ें
मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प… और पढ़ें