दिवाली पर दीया में भूलकर भी न जलाएं कपड़े की बाती, वरना हो जाएंगे कंगाल! पंडित जी से जानिए क्या चीज करें यूज
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Diwali Diye ki bati: दीपावली पर मिट्टी का दीया पंच तत्वों का प्रतीक है, रुई या लाल धागे की बाती शुभ मानी जाती है, कपड़े की बाती जलाना अशुभ और नकारात्मकता का कारण बन सकता है.
Diwali Diye ki bati: सनातन धर्म के सबसे बड़े त्योहारों में से एक दीपावली 20 अक्तूबर दिन सोमवार को है. यह त्योहार रोशनी का प्रतीक माना गया है. इसलिए लोग दीया जलाकर पूरे घर और वातावरण में रोशनी करते हैं. इस दिन मिट्टी का दीया जलाने का विधान है. धार्मिक ग्रंथों में मिट्टी के दीपक को पंच तत्वों का प्रतीक माना गया है. इस दीया में लोग कई तरह की बाती का इस्तेमाल करते हैं. दीये के लिए कोई रुई की बाती तो कोई मौली की बाती यूज करते हैं. वहीं, कुछ लोग कपड़े की भी बाती इस्तेमाल करते हैं. लेकिन, ज्योतिषविदों की मानें तो दिवाली के दीये में कभी भी कपड़े की बाती न जलाएं. ऐसा करना बिलकुल शुभ नहीं माना जाता है. अब सवाल है कि दीये में कपड़े की बाती क्यों नहीं जलाना चाहिए? नोएडा के ज्योतिषाचार्य राकेश चतुर्वेदी से जानिए इसके पीछे की वजह-
धार्मिक ग्रंथों में मिट्टी के दीपक को पंच तत्वों का प्रतीक माना गया है. पारंपरिक मिट्टी के दीये जलाना पर्यावरण के अनुकूल, आध्यात्मिक रूप से शुभ और स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है. ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, जब इस मिट्टी के दीये में सरसों के तेल से अग्नितत्व को शामिल किया जाता है तो न सिर्फ अंधकार समाप्त होता है, घर में सकारात्मकता भी आती है. इसके अलावा, दीपक में देवी-देवताओं का तेज होता है. इस कारण भी पूजा में इसे जलाना शुभ होता है.

रुई की बाती सबसे शुभ क्यों?
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, रुई की बाती सबसे शुभ मानी जाती है. इसमें दीपावली के दीये के लिए रुई और अन्य पूजा के लिए लाल धागे की बाती शुभ होती है. वहीं, घी के दीपक के लिए रुई की बाती और तेल के दीपक के लिए लाल धागे की बाती का उपयोग करना चाहिए. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, देवी-देवताओं की पूजा के लिए रुई की बाती का उपयोग शुभ माना जाता है.
कपड़े की बाती यूज क्यों न करें?
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि, दिवाली के दीये में कपड़े की बाती नहीं जलाना शुभ नहीं माना जाता है. ऐसा करने से नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं. इसके बजाय, घी या तिल के तेल से भिगोई हुई रुई की बाती का उपयोग करें, जो अधिक उपयुक्त मानी जाती है. कपड़े का उपयोग अशुभ माना जाता है, क्योंकि यह पूजा में नकारात्मकता ला सकता है और धन हानि या अन्य परेशानियों का कारण बन सकता है.

ललित कुमार को पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 साल से अधिक का अनुभव है. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत प्रिंट मीडिया से की थी. इस दौरान वे मेडिकल, एजुकेशन और महिलाओं से जुड़े मुद्दों को कवर किया करते थे. पत्रकारिता क…और पढ़ें
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