Ahoi Ashtami 2025 Radha Kund Snan: अहोई अष्टमी पर इस कुंड में लगाएं डुबकी, मिलेगा संतान सुख का आशीर्वाद, ताउम्र बना रहेगा प्यार

Ahoi Ashtami 2025 Radha Kund Snan: अहोई अष्टमी पर इस कुंड में लगाएं डुबकी, मिलेगा संतान सुख का आशीर्वाद, ताउम्र बना रहेगा प्यार

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Ahoi Ashtami 2025 Radha Kund Snan: अहोई अष्टमी 13 अक्टूबर को है. अहोई अष्टमी के दिन मथुरा में एक ऐसा चमत्कारी कुंड है, जहां स्नान करने के लिए बड़ी संख्या में भक्त पहुंचते हैं. जो भी दंपत्ति जोड़े के साथ कुंड में स्नान करता है, तो उसे संतान सुख की प्राप्ति होती है.

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अहोई अष्टमी पर राधा कुंड में स्नान का महत्व.
Ahoi Ashtami 2025 Radha Kund Snan: अहोई अष्टमी 13 अक्टूबर सोमवार को है. अहोई अष्टमी के दिन संतान की सुरक्षा के लिए पूजा और व्रत करते हैं. मथुरा में एक ऐसा चमत्कारी कुंड है, जहां अहोई अष्टमी के दिन कुंड में स्नान करने के लिए बड़ी संख्या में भक्त पहुंचते हैं. मथुरा के गोवर्धन के पास राधा कुंड है.
राधा कुंड में स्नान से संतान सुख की प्राप्ति
अहोई अष्टमी के दिन कुंड को खास तरीके से सजाया जाता है. माना जाता है कि कार्तिक कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन जो भी दंपत्ति जोड़े के साथ कुंड में स्नान करता है, तो उसे संतान सुख की प्राप्ति होती है. इसके अलावा, संतान के जीवन में आई बाधाओं का भी नाश होता है. इस कुंड को लेकर कई तरह की मान्यताएं प्रचलित हैं. यह भी कहा जाता है कि राधा कुंड में स्नान करने से गौ हत्या के पाप से भी मुक्ति मिलती है.

राधारानी का आशीर्वाद
अहोई अष्टमी के दिन भक्त कुंड में आधी रात को स्नान करने आते हैं और अपनी मनोकामना की पूर्ति करते हैं. स्नान करने के बाद भक्त कुंड की परिक्रमा करते हैं और राधारानी का आशीर्वाद लेने के लिए बरसाना में स्थित मंदिर भी जाते हैं.

राधा कुंड की कथा
राधा कुंड के बारे में कहा जाता है कि राधारानी के आदेश पर श्रीकृष्ण ने अरिष्टासुर दैत्य (आधा बैल, आधा राक्षस) का वध किया था. अब हत्या और गौ हत्या का पाप मिटाने के लिए राधारानी ने सभी पवित्र जलों में स्नान करने का सुझाव दिया. ऐसे में भगवान श्रीकृष्ण ने बांसुरी बजाकर सभी पवित्र नदियों का जल इकट्ठा कर लिया.

कहा जाता है कि कुंड का निर्माण राधारानी ने अपने कंगन से किया. राधा रानी के कंगन से दो कुंड बने, पहला श्याम कुंड और दूसरा राधा कुंड. इस कुंड को भगवान कृष्ण का मुकुट भी कहा जाता है, क्योंकि भगवान कृष्ण ने हमेशा राधा रानी को अपने मस्तक पर स्थान दिया है.

ताउम्र बना रहेगा प्यार
राधा कुंड में दुनिया की सारी पवित्र नदियों का जल एक जगह ही मिल जाता है, जिसकी वजह से श्रद्धालुओं के बीच कुंड की आस्था बहुत है. इस कुंड को राधा और श्याम के प्यार का पवित्र स्थान भी माना जाता है. कहा जाता है कि शादी होने के बाद नव-दंपति को कुंड में स्नान करना चाहिए, जिससे उनके जीवन में ताउम्र प्यार बना रहे. इन कुंडों में नहाने से राधा और कृष्ण दोनों का आशीर्वाद मिलता है.

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कार्तिकेय तिवारी

कार्तिकेय तिवारी Hindi News18 Digital में Deputy News Editor के पद पर कार्यरत हैं. वर्तमान में धर्म, ज्योतिष, वास्तु और फेंगशुई से जुड़ी खबरों पर काम करते हैं. पत्रकारिता में 12 वर्षों का अनुभव है. डिजिटल पत्रक…और पढ़ें

कार्तिकेय तिवारी Hindi News18 Digital में Deputy News Editor के पद पर कार्यरत हैं. वर्तमान में धर्म, ज्योतिष, वास्तु और फेंगशुई से जुड़ी खबरों पर काम करते हैं. पत्रकारिता में 12 वर्षों का अनुभव है. डिजिटल पत्रक… और पढ़ें

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