Maha Navami Bhog: मां दुर्गा को क्यों लगाते हैं हलवा, पूरी और चने का भोग? देवीभागवत पुराण से जानें वजह

Maha Navami Bhog: मां दुर्गा को क्यों लगाते हैं हलवा, पूरी और चने का भोग? देवीभागवत पुराण से जानें वजह

Maha Navami Bhog Halwa Puri Chana: नवरात्रि की दुर्गाष्टमी और महा नवमी को कन्या पूजन का विधान है. आज महानवमी पर कन्या पूजा है. इसी दिन मां को भोग स्वरूप खास पदार्थ अर्पित किए जाते हैं. पूजा के समय जब देवी के सामने चना, हलवा और पूरी रखी जाती हैं, तो कई लोग सोचते हैं- आखिर क्यों इन्हे ही भोग स्वरूप अर्पित किया जाता है? उत्तर सीधा है ये केवल स्वाद या परंपरा नहीं है, बल्कि इसके पीछे धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व छिपा हुआ है.

मां दुर्गा को पसंद है चना

स्कंद पुराण और देवीभागवत पुराण में लिखा गया है कि देवी चना पसंद करती हैं. यह न केवल शुद्ध और पौष्टिक अनाज है, बल्कि इसे अर्पित करने से भक्त को शक्ति और ऊर्जा की प्राप्ति होती है. देवी को अन्न का भोग अर्पित करना इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि वे स्वयं संपूर्ण सृष्टि की शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक हैं.

देवी भागवतम् में लिखा है: “शुद्ध अन्न से युक्त भोग मेरी ओर अर्पित किया जाए, जिससे भक्त को सुख-समृद्धि प्राप्त हो.”

हलवा है प्रिय मीठा भोग

हलवा देवी का प्रिय मीठा भोग माना जाता है. भविष्य पुराण और मार्कण्डेय पुराण में इस भोग का जिक्र है. हलवे का स्वाद सुख, समृद्धि और संतोष का प्रतीक है. नवरात्रि या किसी भी विशेष पूजा में हलवा देवी को अर्पित करना घर में शांति और आनंद लाने वाला माना जाता है.

पूरी अर्पित करने का अर्थ

पद्म पुराण और ब्रह्म वैवर्त पुराण में पूरी और अन्य तली हुई चीजों का भोग देवी को अर्पित करने का महत्व बताया गया है. पूरी अर्पित करने का अर्थ है भक्ति की पूरी स्वीकृति, भक्त का उत्साह और सेवा भाव. हलवे के साथ पूरी देना यह भी दर्शाता है कि भोग स्वादिष्ट, संतुलित और पोषणयुक्त हो.

भोग का खास संदेश

कुल मिलाकर भोग का खास संदेश है. चना शक्ति, ऊर्जा और स्वास्थ्य का, हलवा सुख, समृद्धि और मीठे फल का, तो पुरी भक्ति, उत्साह और सेवा भाव का प्रतीक है.

देवी को यह भोग अर्पित करना केवल भोजन अर्पित करना नहीं है, बल्कि यह भक्ति, श्रद्धा और आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रतीक भी है. इस परंपरा को अपनाने से घर और मन में सकारात्मक ऊर्जा और शांति का संचार होता है.

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