Shani Dev aur Hanuman​: हनुमान जी ने जब शनि देव को दिखाया अपना रूप, तब शनि भी बोल उठे ‘जय श्री राम’!

Shani Dev aur Hanuman​: हनुमान जी ने जब शनि देव को दिखाया अपना रूप, तब शनि भी बोल उठे ‘जय श्री राम’!

Shani Dev aur Hanuman​: भारतीय पुराणों और कथाओं में भगवान हनुमान को सिर्फ ताकत और भक्ति का प्रतीक ही नहीं, बल्कि ऐसे रक्षक के रूप में देखा जाता है, जो अपने भक्तों पर किसी भी ग्रह-नक्षत्र या बुरी शक्ति का असर नहीं होने देते. एक तरफ जहां शनि देव को न्याय का देवता माना जाता है, वहीं उनकी साढ़े साती और ढैय्या से हर कोई डरता है, लेकिन एक कथा ऐसी भी है जहां खुद शनि देव को झुकना पड़ा हनुमान जी के आगे, ये कहानी ना सिर्फ हनुमान जी की महिमा बताती है, बल्कि ये भी समझाती है कि जब इंसान सच्चे मन से भक्ति करता है, तो उसके ऊपर कोई नकारात्मक असर टिक नहीं सकता हैं.

पूरी कथा – हनुमान जी बनाम शनि देव
कहानी बहुत पुरानी है. शनि देव एक बार स्वभाव के अनुसार लोगों को उनके कर्मों के मुताबिक सजा देने निकले थे. तभी उन्होंने सोचा, अब तो हनुमान पर भी साढ़े साती का असर डालना चाहिए. उन्होंने हनुमान जी से कहा – “अब तेरे ऊपर भी मेरी साढ़े साती शुरू हो रही है.”

हनुमान जी हल्के से मुस्कराए और बोले – “जो राम का भक्त है, उसके ग्रह क्या बिगाड़ेंगे?”

शनि देव को यह बात अहंकार लगी. उन्होंने कहा – “अब देखते हैं, मैं कैसे तेरी परीक्षा लेता हूं.”

शनि देव तड़पने लगे. उन्हें अहसास हो गया कि हनुमान जी से टकराना गलती थी. उन्होंने करुणा से कहा – “प्रभु! कृपया मुझे छोड़ दीजिए. मैं वचन देता हूं कि आपके किसी भी भक्त को कभी कोई कष्ट नहीं दूंगा.”

हनुमान जी ने मुस्कराकर उन्हें मुक्त किया और कहा – “यही तो भक्ति की ताकत है. जो सच्चे मन से राम नाम लेता है, उसके सारे ग्रह शांत रहते हैं.”

क्या है इस कहानी से सीख?
1. भक्ति में ताकत है – अगर किसी का मन और विश्वास मजबूत हो, तो कोई नकारात्मक शक्ति उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकती हैं.

2. घमंड कभी नहीं टिकता – चाहे शनि देव जैसे ताकतवर क्यों न हों, जब घमंड आता है तो विनाश तय होता है.

3. हनुमान जी का नाम ही काफी है – ये कहानी बताती है कि अगर इंसान संकट में हनुमान जी को याद करे, तो शनि जैसी सख्त शक्ति भी मदद करने को तैयार हो जाती है.

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