सावन में शिवलिंग की पूजा करते वक्त इन 8 बड़ी गलतियों से बचें, वरना शिवजी हो सकते हैं नाराज़
1. शिवालय जाते समय जल घर से ले जाएं
जब भी आप भगवान शिव को जल अर्पित करने जाएं, कोशिश करें कि जल अपने घर से भरकर ले जाएं. रास्ते के किसी सार्वजनिक नल या दुकान से लिया गया जल पूजा के लिए शुद्ध नहीं माना जाता. घर से लाया गया जल भक्त की श्रद्धा और तैयारी दोनों दर्शाता है.
बेलपत्र भगवान शिव को बेहद प्रिय हैं, लेकिन सावन के सोमवार को बेलपत्र तोड़ने की मना होती है. अगर बेलपत्र पहले से तोड़े हुए हों तो उन्हें धोकर और साफ करके चढ़ाया जा सकता है. तोड़ने का काम किसी और दिन करें.
4. शिवलिंग पर चढ़ा प्रसाद ग्रहण ना करें
कई बार भक्त शिवलिंग पर चढ़ाया हुआ प्रसाद जैसे फल, पंचामृत या अन्य चीजें घर ले आते हैं, लेकिन शिव को चढ़ा हुआ प्रसाद घर लाकर खाना मना है. वह सिर्फ वहीं अर्पित करने के लिए होता है. इसे घर लाना अशुभ माना जाता है.
जब पूजा पूरी हो जाए और आप मंदिर से बाहर निकलें तो जाते वक्त मंदिर की घंटी ना बजाएं. घंटी बजाना पूजा शुरू होने का संकेत होता है, और जाते समय उसे बजाने से नकारात्मक ऊर्जा का ध्यान आकर्षित हो सकता है.
6. फटे-पुराने या काले कपड़े पहनकर पूजा ना करें
भगवान शिव की पूजा करते वक्त साफ और हल्के रंग के कपड़े पहनना अच्छा माना जाता है. काले कपड़े या फटे-पुराने वस्त्र पहनकर पूजा करना अपशकुन की तरह देखा जाता है. सफेद, पीले या गुलाबी रंग के कपड़े शुभ माने जाते हैं.
8. जल हमेशा उत्तर दिशा की ओर अर्पित करें
जब आप शिवलिंग पर जल चढ़ाएं तो उसका मुख उत्तर दिशा की तरफ रखें. यह दिशा भगवान शिव से जुड़ी मानी जाती है. गलत दिशा में जल अर्पण करना पूजा की ऊर्जा को उल्टा कर सकता है.


