सावन का अंतिम मंगला गौरी व्रत आज, साथ ही पुत्रदा एकादशी: शुभ योग में करें पूजन और व्रत, जानें पूजा विधि

सावन का अंतिम मंगला गौरी व्रत आज, साथ ही पुत्रदा एकादशी: शुभ योग में करें पूजन और व्रत, जानें पूजा विधि

Last Mangala Gauri 2025 : सावन का महीना पूरे वर्ष में सबसे पावन समय माना जाता है, खासकर भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना के लिए. इस माह में हर मंगलवार को महिलाएं मंगला गौरी व्रत करती हैं, जो माता पार्वती को समर्पित होता है. यह व्रत मुख्य रूप से विवाहित स्त्रियों द्वारा अपने पति की लंबी उम्र और सुखी दांपत्य जीवन के लिए किया जाता है. अविवाहित लड़कियां भी यह व्रत करती हैं ताकि उन्हें अच्छा जीवनसाथी मिल सके.

इस बार 5 अगस्त को सावन का चौथा और अंतिम मंगला गौरी व्रत रखा जाएगा. इस दिन एक और महत्वपूर्ण पर्व भी है – पुत्रदा एकादशी. जब दो शुभ तिथियां एक साथ आती हैं, तो उनका महत्व और भी बढ़ जाता है. इस विशेष दिन का धार्मिक महत्व बहुत अधिक है, क्योंकि यह केवल श्रद्धा का विषय नहीं, बल्कि विश्वास और पारिवारिक सौभाग्य से भी जुड़ा हुआ है. इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा.

पूजन में 16 दीपक जलाकर आरती करें और “श्री मंगल गौरी नमः” मंत्र का जाप करें. व्रत कथा का श्रवण अवश्य करें. पूजा के बाद 16 विवाहित महिलाओं को आमंत्रित करके उन्हें भोजन कराएं और सुहाग की सामग्री भेंट करें. यह माना जाता है कि इस दिन सच्चे मन से पूजा और व्रत करने पर मां पार्वती आशीर्वाद देती हैं.

पुत्रदा एकादशी का महत्व
पुत्रदा एकादशी विशेष रूप से संतान की कामना रखने वाले दंपतियों के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. व्रती दिनभर उपवास रखते हैं और रातभर जागरण करते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस दिन उपवास रखने और प्रभु विष्णु का ध्यान करने से संतान प्राप्ति का योग बनता है और संतान सुख में वृद्धि होती है.

आज श्रद्धालुओं के लिए एक अद्वितीय अवसर है जब मंगला गौरी व्रत और पुत्रदा एकादशी एक साथ पड़ रहे हैं. यह दिन सिर्फ धार्मिक कार्यों के लिए नहीं, बल्कि परिवार में सुख, शांति और समृद्धि के लिए भी बहुत अहम है. अगर पूरी आस्था और सच्चे मन से व्रत किया जाए तो मनचाहा फल जरूर प्राप्त होता है.

Source link

Previous post

Sawan Putrada Ekadashi Vrat 2025: 3 शुभ योग में आज सावन पुत्रदा एकादशी, जानें पूजा विधि, महत्व, पूजन मुहूर्त और

Next post

Ank Jyotish 5th August 2025: मूलांक 1 और मूलांक 4 वालों के लिए लाभदायक दिन, मूलांक 6 वाले कार्यों में सावधानी बरतें! जानें आज का अंक ज्योतिष

You May Have Missed