भारत के 10 अनोखे मंदिर, जहां प्रसाद में चढ़ता है मांस, मछली और शराब! सालों-साल भक्तों का लगा रहता है मेला
भारत के 9 मंदिर जहां प्रसाद में चढ़ता है मांस, मछली और शराब
विमला मंदिर: देवी विमला या बिमला (दुर्गा का अवतार) को दुर्गा पूजा के दौरान मांस और मछली का प्रसाद चढ़ाया जाता है. यह मंदिर पुरी, ओडिशा के जगन्नाथ मंदिर परिसर के भीतर स्थित है और इसे शक्तिपीठों में से एक माना जाता है. दुर्गा पूजा के दौरान, पवित्र मार्कंडा मंदिर तालाब से मछली पकाई जाती है और देवी बिमला को चढ़ाई जाती है. इसके अलावा, इन दिनों सुबह से पहले बलि दी गई ‘बकरा’ को पकाया जाता है और देवी को चढ़ाया जाता है. दिलचस्प बात यह है कि यह सब भगवान जगन्नाथ के मुख्य द्वार खुलने से पहले होता है.
तर्कुलहा देवी मंदिर: गोरखपुर, उत्तर प्रदेश में स्थित इस मंदिर में हर साल एक वार्षिक खिचड़ी मेला आयोजित किया जाता है. यह मंदिर लोगों की इच्छाओं को पूरा करने के लिए काफी प्रसिद्ध है. देश भर से लोग चैत्र नवरात्रि में इस मंदिर में आते हैं और अपनी इच्छा पूरी होने पर देवी को बकरा चढ़ाते हैं. इस मांस को मिट्टी के बर्तनों में पकाया जाता है और भक्तों को प्रसाद के रूप में दिया जाता है.
तारापीठ: बंगाल में बीरभूम में तारापीठ मंदिर दुर्गा भक्तों के बीच काफी प्रसिद्ध है. यहां लोग मांस की बलि चढ़ाते हैं, जिसे शराब के साथ देवी को भोग के रूप में चढ़ाया जाता है. जो बाद में भक्तों के बीच प्रसाद के रूप में बांट दिया जाता है.
कालीघाट मंदिर: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में स्थित कालीघाट मंदिर देश के 51 शक्तिपीठों में से एक है और 200 साल पुराना है. ज्यादातर भक्त देवी काली को प्रसन्न करने के लिए यहां बकरे की बलि देते हैं. जिसे बाद में प्रसाद के रूप में भक्तों के बीच बांटा जाता है.

मुनियांदी स्वामी मंदिर: तमिलनाडु के मदुरई में स्थित मुनियांदी स्वामी मंदिर अपने मांसाहारी प्रसाद के लिए प्रसिद्ध है. इस मंदिर में भगवान मुनियांदी, ( जिसे भगवान शिव का अवतार माना जाता है) को प्रसाद के रूप में चिकन और मटन बिरयानी चढ़ाई जाती है. इसके बाद इसी बिरयानी को प्रसाद के रूप में भक्तों में बांटा जाता है.
परस्सिनिक कदवु मंदिर, केरल: यह मंदिर भगवान मुथप्पन को समर्पित है, जो भगवान विष्णु और शिव के अवतार माने जाते हैं. दक्षिण में उन्हें कई नामों से जाना जाता है और उनकी पूजा की जाती है. अधिकांश प्रसादों में, मछली और ताड़ी भगवान मुथप्पन को चढ़ाई जाती है और कहा जाता है कि ऐसा करने से इच्छाएं पूरी होती हैं. यह प्रसाद मंदिर में आने वाले भक्तों को दिया जाता है.


