देवगुरु वृहस्पति करने वाले हैं गोचर, इन राशियों पर आएगी आफत! आएंगे बुरे दिन, जानें उपाय
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Brihaspati gochar 2025: गुरु बृहस्पति का इस साल में तीन बार राशि परिवर्तन होगा, जिस कारण सभी 12 राशियों पर इसका अच्छा और बुरा प्रभाव पड़ेगा. गुरु बृहस्पति मिथुन राशि से निकलकर अपनी उच्च राशि कर्क में प्रवेश करेंगे तो वहीं नवंबर में वक्री होकर वापस मिथुन राशि में लौट आएंगे. 19 अक्टूबर को अपनी उच्च राशि में जाने पर कई राशियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा…
गुरु बृहस्पति ग्रह जिन जातकों की कुंडली में मजबूत होते हैं,राशि उन्हें ज्ञान, बुद्धि, धन, मान सम्मान, आर्थिक लाभ आदि सभी की प्राप्ति होती है और शत्रु बाधा खत्म हो जाती हैं. साल 2025 में गुरु बृहस्पति तीन बार राशि परिवर्तन कर रहे हैं जबकि ज्योतिषी गणना के अनुसार बृहस्पति ग्रह एक राशि पर 12 से 13 महीने तक रहते हैं.

साल 2025 में गुरु बृहस्पति के तीन बार राशि बदलने से बहुत से जातकों के जीवन में बहुत सी उठापटक होने वाली है. जहां गुरु बृहस्पति वृषभ राशि से निकलकर मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे तो वही मिथुन राशि से निकलकर अपनी उच्च राशि कर्क में 19 अक्टूबर की दोपहर 12:57 पर प्रवेश करेंगे.

गुरु बृहस्पति 19 अक्टूबर को अपनी उच्च राशि में प्रवेश करेंगे और 05 दिसंबर 2025 में अपनी उच्च राशि कर्क में वक्री होकर मिथुन राशि में दोबारा प्रवेश करेंगे जिसका सभी पर अच्छा बुरा प्रभाव पड़ेगा. साल 2025 में गुरु बृहस्पति के स्वामित्व वाली राशियों के जातकों के जीवन में बहुत सी उठापटक बनी रहेगी.

गुरु बृहस्पति के मिथुन राशि से अपनी उच्च राशि कर्क में जाने पर मकर राशि वाले जातकों को बेहद ही सतर्क रहना होगा. उन्हें अपने फैसले लेने में दुविधा बनी रहेगी. वह मानसिक रूप से परेशान हो सकते हैं क्योंकि इस दौरान बृहस्पति मकर राशि को सम सप्तक दृष्टि से देखेंगे. गज केसरी योग बनने के बाद भी मकर राशि वाले कंफ्यूज रहेंगे.

गुरु बृहस्पति के कर्क राशि में प्रवेश करने से मेष राशि के जातकों पर इसका कामकाज के परेशानी वाला रहेगा. यहां गुरु चतुर्थ स्थान पर आएंगे लेकिन दशम स्थान खराब होगा जिस कारण आपके पिता को काम काज के लिए काफी ज्यादा स्ट्रगल करना पड़ेगा. रिजवान काम के लिए आपके पिता बाहर भी जा सकते हैं.

गुरु बृहस्पति के अपनी उच्च राशि में प्रवेश करने से सिंह राशि के जातकों को हॉस्पिटल जाना पड़ सकता है. सिंह राशि के लिए गुरु 12 वें स्थान पर आएंगे जो उन पर अपनी छठी दृष्टि रखेंगे. इस कारण पेट की समस्याएं या उदर विकार आदि अन्य समस्याएं बनी रहेंगी. सिंह राशि के जातकों को इस दौरान अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने की जरूरत है.

इस दौरान धनु राशि के जातकों के लिए भी गुरु बृहस्पति का अपनी उच्च राशि में प्रवेश करना काफी मुश्किल भरा रहने वाला है. धनु राशि अग्नि तत्व राशि है. इस दौरान धनु राशि के अष्टम स्थान पर गुरु बृहस्पति आ गए है जिस कारण उन्हें वैराग्य या समाधि की इच्छाएं बनेगी लेकिन धनु राशि का दूसरा घर डिस्टर्ब होने के कारण एकाग्रता बाधाएं आती रहेंगी. तो इस दौरान धनु राशि के जातक विचलित रहेंगे.

गुरु बृहस्पति के कर्क राशि में प्रवेश करने पर कुंभ राशि के जातकों के आकस्मिक खर्च बढ़ेंगे. ऋण लेने, शत्रु बाधा के होने आदि कई समस्याएं इस दौरान कुंभ राशि के जातकों को आएंगी क्योंकि गुरु बृहस्पति से कुंभ राशि छठे स्थान पर होगी. इस दौरान कुंभ राशि के जातकों को बेहद ही सतर्क और सावधानियां बरतनी होगी.

उपाय के लिए गुरु बृहस्पति के बीज मंत्र का जाप, पीले वस्त्रों का दान और बृहस्पतिवार के दिन व्रत आदि करने से लाभ मिलेगा. गुरु बृहस्पति ग्रह सभी ग्रहों के गुरु हैं जो धर्म, ज्ञान, धन, भाग्य, संतान और वैवाहिक सुखों आदि के कारक माने जाते हैं. गुरु बृहस्पति को मजबूत करने के लिए केले के पेड़ की पूजा, भगवान विष्णु की पूजा आदि करने से विशेष लाभ होता है.