चरणों में दंडवत हुए बीमार प्रेमानंद महाराज, अपनी गद्दी पर दिया स्थान, जानिए कौन हैं वे संत जिनसे मिलकर झर-झर बहे आंसू
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Sant Premanandji Maharaj गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, मलूक पीठ के राजेंद्र दास जी महाराज ने आश्रम में मिलकर उनके स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना की, भावुक माहौल बना रहा.
Sant Premanandji Maharaj: देश में सबसे ज्यादा चर्चित रहने वाले साधु-संतों में प्रेमानंद महाराज का भी नाम है. उनकी लोकप्रियता विदेशों तक फैली हुई है. प्रेमानंद महाराज एक दिव्य विभूति जिन्होंने अपनी मधुर वाणी और भक्तिमय जीवन से लाखों लोगों को प्रेरित किया है. उनके प्रवचन काफी प्रेरणादायक होते हैं. इसलिए उनके प्रवचन के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते हैं, जिनमें वो तमाम तरह के सवालों का जवाब देते हैं. इस समय संत प्रेमानंद महाराज एक गंभीर बीमारी का सामना कर रहे हैं. पिछले कई दिनों से एक के बाद एक संत श्रीराधा केली कुंज आश्रम पहुंचकर प्रेमानंद महाराज के स्वास्थ्य की जानकारी ले रहे हैं. इसी क्रम में मलूक पीठ के पीठाधीश्वर राजेंद्र दास जी महाराज ने भी संत प्रेमानंद महाराज से मुलाकात की,
प्रेमानंद महाराज और राजेंद्र दास जी महाराज की मुलाकात का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जारी किया गया है. वीडियो में दिख रहा है कि राजेंद्र दास जी महाराज का स्वागत करने प्रेमानंद महाराज स्वयं आश्रम के द्वार तक आए. चौखट पर ही उन्होंने राजेंद्र दास जी महाराज के कदमों में दंडवत होकर स्वागत किया. इस दौरान राजेंद्र दास जी महाराज भी दंडवत होकर मिलन करते दिखे. इसके बाद प्रेमानंद महाराज ने अपनी गद्दी पर राजेंद्र दास जी महाराज को स्थान दिया. इसके बाद उनका चरण वंदना की. इस दौरान उनकी आंखों में आंसू थे.
दो संतों के मिलन से भाव-विभार हो उठा वातावरण
मलूकपीठाधीश्वर महंत राजेंद्र दास महाराज और संत प्रेमानंद का मिलन हुआ तो वातावरण भक्तिभाव से सरोबार हो उठा. दोनों संतों के आमने-सामने आते ही वहां उपस्थित श्रद्धालु भावविभोर हो गए. स्वामी प्रेमानंद महाराज भावनाओं के प्रवाह में वे रो पड़े और उनके चेहरे पर आत्मिक आनंद की चमक झलकने लगी.
संत प्रेमानंद के स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना
दो संतों के मिलन के दौरान राजेंद्र दास महाराज ने प्रेमानंद के स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना की. उन्होंने ब्रज के संतों की साधना, भक्ति और अध्यात्मिक परंपरा से जुड़ी कई रोचक कथाएं भी सुनाईं. इसके अलावा, भगवान श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और हनुमानजी के द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण, राधारानी और अष्टसखियों के रूप में अवतार लेने की अद्भुत कथा का भी श्रवण कराया.
ललित कुमार को पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 साल से अधिक का अनुभव है. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत प्रिंट मीडिया से की थी. इस दौरान वे मेडिकल, एजुकेशन और महिलाओं से जुड़े मुद्दों को कवर किया करते थे. पत्रकारिता क…और पढ़ें
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