क्या अंगूठे में छल्ला पहनना सही है? धारण करने से पहले जानें ये ज्योतिषीय बातें और इससे जुड़े इसके शुभ-अशुभ प्रभाव
Silver Ring On Thumb : अंगूठी पहनना केवल सौंदर्य या फैशन से जुड़ी बात नहीं है. भारत में इसका सीधा संबंध ज्योतिष, हस्तरेखा और ऊर्जा विज्ञान से भी जोड़ा जाता है. आपने अक्सर लोगों को अलग-अलग उंगलियों में रिंग पहनते हुए देखा होगा, लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि कुछ लोग अंगूठे में भी छल्ला क्यों पहनते हैं? अंगूठे में रिंग पहनना देखने में भले ही ट्रेंडी लगे, लेकिन इसके पीछे गहरी वजहें हैं. ऐसा माना जाता है कि हाथ की हर उंगली किसी विशेष ग्रह से जुड़ी होती है और अंगूठा खास तौर पर शुक्र से संबंधित माना गया है. शुक्र ग्रह को जीवन के उन पहलुओं से जोड़ा जाता है जो व्यक्ति की सुख-सुविधाओं, प्रेम, कला, सौंदर्य और भौतिकता से जुड़ी होती हैं. इस आर्टिकल में हम जानेंगे भोपाल निवासी ज्योतिषी, वास्तु विशेषज्ञ एवं न्यूमेरोलॉजिस्ट हिमाचल सिंह से कि क्या अंगूठे में छल्ला पहनना सही है? इसके क्या फायदे हो सकते हैं और किन परिस्थितियों में यह नुकसानदेह भी हो सकता है? साथ ही जानेंगे कि कौन-से लोग अंगूठे में रिंग नहीं पहनें तो बेहतर होगा. यदि आप भी फैशन या किसी धार्मिक/आध्यात्मिक उद्देश्य से अंगूठे में रिंग पहनना चाहते हैं, तो यह जानकारी आपके लिए बेहद ज़रूरी हो सकती है.
ज्योतिष के अनुसार, अंगूठा हमारे शरीर की ऊर्जा और मानसिक शक्ति का प्रतीक होता है. यह व्यक्ति की सोच, इच्छाशक्ति, निर्णय क्षमता और आत्मविश्वास से जुड़ा माना जाता है. चूंकि अंगूठा शुक्र से जुड़ा है, इसलिए इसमें सही धातु की रिंग पहनना शुक्र को मजबूत कर सकता है. इससे न केवल वैवाहिक जीवन में सुधार होता है, बल्कि जीवन में रचनात्मकता, समृद्धि और शांति भी बढ़ती है. अगर किसी की कुंडली में शुक्र कमजोर हो, तो वह व्यक्ति रिश्तों में असंतुलन, आर्थिक परेशानियों या मानसिक बेचैनी का सामना कर सकता है. ऐसे में अंगूठे में खास धातु का छल्ला पहनने से उसे राहत मिल सकती है.
कौन-सी धातु का छल्ला पहनना चाहिए?
अंगूठे में सबसे ज्यादा चांदी का छल्ला पहनने की सलाह दी जाती है. चांदी को चंद्रमा से जोड़ा जाता है, जो मन और भावनाओं पर असर डालता है. जब इसे शुक्र के स्थान यानी अंगूठे में पहना जाता है, तो यह मानसिक संतुलन बनाए रखने में मदद करता है. यह तनाव को कम करता है, गुस्से को नियंत्रित करता है और मानसिक शांति प्रदान करता है. साथ ही आत्मविश्वास में भी वृद्धि होती है. यह भी कहा जाता है कि इससे व्यक्ति का वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है और प्रेम संबंधों में स्थिरता आती है. छल्ला बिना जोड़ का और गोल होना चाहिए. इसे दाहिने हाथ के अंगूठे में पहनना अधिक शुभ माना जाता है.
कब और कैसे पहनना चाहिए?
-साफ मन और सोच के साथ पहनें.
-शुक्रवार का दिन सबसे उपयुक्त माना जाता है.
-छल्ला पहनने से पहले उसे कुछ समय तक गाय के दूध में डुबोकर रखें.
-फिर जल से धोकर उसे पूजा स्थान में रखें और प्रार्थना करें.
-दाहिने हाथ के अंगूठे में इसे धीरे से पहनें.

किन लोगों को नहीं पहनना चाहिए?
हालांकि अंगूठे में छल्ला पहनना अधिकतर मामलों में शुभ होता है, लेकिन कुछ स्थितियों में यह नकारात्मक असर भी डाल सकता है:
-जिनकी कुंडली में चंद्रमा या शुक्र पहले से ही अशुभ स्थिति में हों, उन्हें बिना सलाह के रिंग नहीं पहननी चाहिए.
-मेष, सिंह और धनु राशि वालों को चांदी का उपयोग सीमित रूप से करना चाहिए क्योंकि यह उनके स्वाभाव के साथ मेल नहीं खा सकता.
-सोने का छल्ला अंगूठे में नहीं पहनना चाहिए क्योंकि यह शुक्र पर उल्टा असर डाल सकता है.
इन सभी बातों से यह स्पष्ट होता है कि अंगूठे में रिंग पहनने से पहले कुंडली की जांच और किसी अनुभवी ज्योतिषी की राय लेना ज़रूरी होता है.