इन 5 गलतियों से हनुमान चालीसा का असर हो सकता है कम, पाठ करते समय रखें विशेष ध्यान, नहीं तो असर होगा कमजोर
1. शुद्धता सिर्फ बाहर की नहीं, अंदर की भी ज़रूरी है
हनुमान चालीसा पढ़ने से पहले नहाना और साफ कपड़े पहनना तो ज़रूरी है ही, लेकिन उतना ही ज़रूरी है मन को भी साफ करना, अगर आप किसी से झगड़कर या गुस्से में चालीसा पढ़ने बैठते हैं, तो उसका असर कम हो सकता है. कोशिश करें कि पाठ से पहले खुद को मानसिक रूप से शांत कर लें, अगर मुमकिन हो तो एक हल्का सा दीया और अगरबत्ती भी जला लें.
चालीसा पढ़ने के लिए एक शांत और साफ जगह चुनें. हो सके तो रोज़ उसी जगह पर बैठें, अगर आप मंदिर में नहीं जा सकते, तो घर का एक कोना तय कर लें जहां शांति हो और बार-बार कोई टोके नहीं. टीवी चलती हो या बच्चे शोर कर रहे हों, तो मन लगाना मुश्किल हो जाता है. ऐसी स्थिति में पाठ अधूरा रह सकता है.
4. अधूरी चालीसा से पूरी कृपा नहीं मिलती
कई बार लोग बीच में ही पाठ रोक देते हैं या किसी वजह से पूरा नहीं कर पाते, अगर आपने चालीसा शुरू की है, तो उसे पूरा ज़रूर करें. अधूरा पाठ करने से उसका प्रभाव भी अधूरा रह जाता है. कोशिश करें कि रोज़ एक तय समय पर, जैसे सुबह या शाम को, पूरी चालीसा पढ़ें. इससे एक नियमितता बनी रहती है और मन भी धीरे-धीरे एकाग्र होने लगता है.


