इन 5 गलतियों से हनुमान चालीसा का असर हो सकता है कम, पाठ करते समय रखें विशेष ध्यान, नहीं तो असर होगा कमजोर

इन 5 गलतियों से हनुमान चालीसा का असर हो सकता है कम, पाठ करते समय रखें विशेष ध्यान, नहीं तो असर होगा कमजोर

Rules Of Hanuman Chalisa Recitation: आजकल भागदौड़ भरी ज़िंदगी में जब मन बेचैन होता है, तो लोग हनुमान चालीसा पढ़ते हैं ताकि थोड़ा सुकून मिले. कई लोग इसे रोज़ सुबह पढ़ते हैं तो कुछ लोग किसी मुश्किल समय में ही इसका सहारा लेते हैं, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि अगर इस पाठ को सही तरीके से न किया जाए, तो इसका पूरा असर नहीं मिलता. सिर्फ शब्द बोलना काफी नहीं होता, भाव और तरीका दोनों का ध्यान रखना भी ज़रूरी होता है, अगर आप भी हनुमान जी से सच्ची कृपा पाना चाहते हैं, तो कुछ जरूरी बातों का ध्यान ज़रूर रखें. इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं उन 5 बड़ी गलतियों के बारे में, जो लोग अक्सर हनुमान चालीसा पढ़ते वक्त कर बैठते हैं – और फिर सोचते हैं कि फायदा क्यों नहीं हो रहा. इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा.

1. शुद्धता सिर्फ बाहर की नहीं, अंदर की भी ज़रूरी है
हनुमान चालीसा पढ़ने से पहले नहाना और साफ कपड़े पहनना तो ज़रूरी है ही, लेकिन उतना ही ज़रूरी है मन को भी साफ करना, अगर आप किसी से झगड़कर या गुस्से में चालीसा पढ़ने बैठते हैं, तो उसका असर कम हो सकता है. कोशिश करें कि पाठ से पहले खुद को मानसिक रूप से शांत कर लें, अगर मुमकिन हो तो एक हल्का सा दीया और अगरबत्ती भी जला लें.

3. जगह की शांति का असर मन पर पड़ता है
चालीसा पढ़ने के लिए एक शांत और साफ जगह चुनें. हो सके तो रोज़ उसी जगह पर बैठें, अगर आप मंदिर में नहीं जा सकते, तो घर का एक कोना तय कर लें जहां शांति हो और बार-बार कोई टोके नहीं. टीवी चलती हो या बच्चे शोर कर रहे हों, तो मन लगाना मुश्किल हो जाता है. ऐसी स्थिति में पाठ अधूरा रह सकता है.

4. अधूरी चालीसा से पूरी कृपा नहीं मिलती
कई बार लोग बीच में ही पाठ रोक देते हैं या किसी वजह से पूरा नहीं कर पाते, अगर आपने चालीसा शुरू की है, तो उसे पूरा ज़रूर करें. अधूरा पाठ करने से उसका प्रभाव भी अधूरा रह जाता है. कोशिश करें कि रोज़ एक तय समय पर, जैसे सुबह या शाम को, पूरी चालीसा पढ़ें. इससे एक नियमितता बनी रहती है और मन भी धीरे-धीरे एकाग्र होने लगता है.

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