अविनाशी नगरी का रहस्यमयी स्वरूप, आप भी जानें तीनों खंड, यहां एक साथ विराजमान हैं शिव और शक्ति

अविनाशी नगरी का रहस्यमयी स्वरूप, आप भी जानें तीनों खंड, यहां एक साथ विराजमान हैं शिव और शक्ति

Last Updated:

शिव की नगरी काशी के बारे में कौन नहीं जानता है, यह दुनिया का सबसे पुराना शहर माना जाता है इसलिए वाराणसी को विश्व का नाथ कहा जाता है. यहां स्थित बाबा विश्वनाथ मंदिर द्वादश ज्योतिर्लिंगों में प्रमुख स्थान रखता है. आइए जानते हैं अविनाशी नगरी का रहस्यमयी स्वरूप के बारे में…

भगवान शिव के त्रिशूल पर बसी काशी अपनी निराली छवि और अद्भुत धार्मिक महिमा के कारण पूरे विश्व में विख्यात है. यह नगर ना केवल हिंदू धर्मावलंबियों, संतों और नागा साधुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र है, बल्कि यहां स्थित बाबा विश्वनाथ मंदिर द्वादश ज्योतिर्लिंगों में प्रमुख स्थान रखता है. काशी में विराजमान बाबा विश्वनाथ की अद्भुत महिमा और उनके मंदिर से जुड़े रहस्य आज भी कई लोगों के लिए अनजाने हैं. यही वजह है कि वाराणसी को विश्व का नाथ कहा जाता है.

अत्यंत चमत्कारिक माना जाता है यह स्थान
काशी विश्वनाथ का मंदिर ना केवल स्थापत्य और धार्मिक दृष्टि से अद्वितीय है, बल्कि इसके मुख्य शिखर पर स्थापित श्रीयंत्र इसे तांत्रिक सिद्धियों और शक्ति केंद्रों में विशेष बनाता है. श्रीयंत्र को शक्ति और लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है, और यही कारण है कि इस स्थान को अत्यंत चमत्कारिक माना जाता है.

एक भाग में शिव और एक भाग में शक्ति
बाबा विश्वनाथ का शिवलिंग भी अद्वितीय है. इसे एक ऐसा शिवलिंग माना जाता है, जिसमें एक भाग में शिव और दूसरे भाग में शक्ति (मां पार्वती) विराजमान हैं. शास्त्रों के अनुसार, दाहिने हिस्से में शक्ति स्वरूपा मां पार्वती और बाएं हिस्से में भगवान शिव विराजमान हैं. यही कारण है कि इस मंदिर के दर्शन मात्र से श्रद्धालु अपने पापों से मुक्ति पाते हैं और जीवन में आशीर्वाद प्राप्त करते हैं.

तीन खंडों में काशी
काशी नगर तीन खंडों में विभाजित है केदार, विशेश्वर और ओमकलेश्वर. विशेश्वर खंड, जिसमें काशी विश्वनाथ मंदिर स्थित है, त्रिशूल के मध्य नोक पर स्थित है. इसे त्रिशूल का हृदय कहा जाता है और यही कारण है कि काशी और बाबा विश्वनाथ की नगरी को अविनाशी माना जाता है.

kashi vishwanath mandir

हर विपत्ति होती है दूर
धार्मिक मान्यता है कि यहां आने वाले श्रद्धालु अपने जीवन की कठिनाइयों और समस्याओं से मुक्त हो जाते हैं. कहा जाता है कि यह नगरी अपने भक्तों पर किसी प्रकार की विपत्ति नहीं आने देती. श्रद्धालुओं के लिए यह स्थान जीवन में शांति, समृद्धि और आध्यात्मिक बल का स्रोत है. काशी की यह दिव्य महिमा सदियों से लोगों के हृदय में विश्वास और भक्ति की गहरी जड़ें बनाए हुए है.

authorimg

Parag Sharma

मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प…और पढ़ें

मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प… और पढ़ें

न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
homedharm

अविनाशी नगरी का रहस्यमयी स्वरूप, यहां एक साथ विराजमान हैं शिव और शक्ति

Source link

Previous post

शुक्रवार को सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग, इन उपायों से मां लक्ष्मी की होगी कृपा और बरसेगी धन-संपदा

Next post

समुद्र से निकले 14 रत्न में से एक पारिजात वृक्ष, बेहद रोचक है इसके पृथ्वी पर आने की कथा, सत्यभामा से है संबंध

You May Have Missed