सावन पूर्णिमा व्रत पर चंद्र दोष से चाहते हैं मुक्ति, तो करें ये पाठ, जीवन में आएगी सुख-शांति
चंद्र कवच
श्रीचंद्रकवचस्तोत्रमंत्रस्य गौतम ऋषिः अनुष्टुप् छंदः।
चंद्रो देवता चन्द्रप्रीत्यर्थं जपे विनियोगः।
वासुदेवस्य नयनं शंकरस्य च भूषणम्॥
एवं ध्यात्वा जपेन्नित्यं शशिनः कवचं शुभम्।
शशी पातु शिरोदेशं भालं पातु कलानिधिः॥
प्राणं क्षपाकरः पातु मुखं कुमुदबांधवः॥
पातु कण्ठं च मे सोमः स्कंधौ जैवा तृकस्तथा।
करौ सुधाकरः पातु वक्षः पातु निशाकरः॥
मध्यं पातु सुरश्रेष्ठः कटिं पातु सुधाकरः॥
ऊरू तारापतिः पातु मृगांको जानुनी सदा।
अब्धिजः पातु मे जंघे पातु पादौ विधुः सदा॥
एतद्धि कवचं दिव्यं भुक्ति मुक्ति प्रदायकम्॥
यः पठेच्छरुणुयाद्वापि सर्वत्र विजयी भवेत्॥
चंद्र स्तोत्र
श्वेताम्बर: श्वेतवपु: किरीटी, श्वेतद्युतिर्दण्डधरो द्विबाहु:।
चन्द्रो मृतात्मा वरद: शशांक:, श्रेयांसि मह्यं प्रददातु देव:।।
नमामि शशिनं सोमं शम्भोर्मुकुटभूषणम।।
क्षीरसिन्धुसमुत्पन्नो रोहिणी सहित: प्रभु:।
हरस्य मुकुटावास: बालचन्द्र नमोsस्तु ते।।
सर्वान्नरसहेतुं तं नमामि सिन्धुनन्दनम।।
राकेशं तारकेशं च रोहिणीप्रियसुन्दरम।
ध्यायतां सर्वदोषघ्नं नमामीन्दुं मुहुर्मुहु:।।
चंद्र स्तोत्र-चंद्र कवच पढ़ने के फायदे
2. चंद्र स्तोत्र पढ़ने से मन स्थिर होगा. मन से बेचैनी, चिंता, भ्रम, अनिद्रा आदि दूर होंगी.
4. चंद्रमा के मजबूत होने से स्मरण शक्ति और एकाग्रता में बढ़ोत्तरी होगी. मानसिक रोगों से मुक्ति मिलेगी. मन का अवसाद, डर आदि दूर होगा.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)


