भाई-बहन के प्रेम का त्योहार
रक्षाबंधन 9 अगस्त शनिवार को मनाया जाएगा. हिंदू कैलेंडर के अनुसार सावन पूर्णिमा को रक्षाबंधन मनाते हैं. इस बार सावन पूर्णिमा तिथि 8 अगस्त को दोपहर 2:12 पीएम से 9 अगस्त को दोपहर 1:24 पीएम तक है. इस साल रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त 7 घंटे 37 मिनट का है. इस समय में बहनें अपने भाइयों को राखी बांधेंगी. इस बार सुबह से लेकर दोपहर तक राखी का मुहूर्त है, लेकिन इसके बीच में कुछ अशुभ समय भी हैं, जिनका ध्यान रखना जरूरी है. अशुभ मुहूर्त खासकर राहुकाल में राखी नहीं बांधनी है. इस समय में कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित होता है क्योंकि उसमें बाधाएं आती हैं. पूरे दिन में कुछ समय ऐसे होते हैं, जिसमें मृत्यु के देवता यमराज, पाप ग्रह राहु, अशुभ प्रभाव देने वाली भद्रा के लिए निर्धारित होते हैं. इसमें मांगलिक कार्य करना वर्जित होता है. पंचांग से जानते हैं
रक्षाबंधन के शुभ मुहूर्त और अशुभ समय.
रक्षाबंधन शुभ मुहूर्त
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 47 मिनट से दोपहर में 1 बजकर 24 मिनट तक है. इस बीच में कुछ अशुभ समय भी हैं. यदि उनको हटा दें तो रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त कुछ इस प्रकार से बनते हैं-
1. रक्षाबंधन का पहला शुभ मुहूर्त: सुबह 7 बजकर 34 मिनट से 9 बजकर 6 मिनट तक. इस समय में सौभाग्य योग और सर्वार्थ सिद्धि योग भी बने रहेंगे.
2. रक्षाबंधन का दूसरा शुभ मुहूर्त: सुबह में 10 बजकर 47 मिनट से दोपहर 1 बजकर 24 मिनट तक
रक्षाबंधन मुहूर्त में कब से कब तक है राहुकाल
रक्षाबंधन के शुभ मुहूर्त में राहुकाल सुबह 9 बजकर 7 मिनट से सुबह 10 बजकर 47 मिनट तक है. ऐसे देखा जाए तो 1 घंटा 40 मिनट तक राहुकाल रहेगा. इस समय में बहनें भाइयों को राखी न बांधें तो बहुत अच्छा रहेगा.
रक्षाबंधन मुहूर्त में अशुभ दुमुहूर्त
ज्योतिष शास्त्र में दुर्मुहूर्त को भी अशुभ समय माना गया है. इस समय में आप जो कार्य करते हैं, वह अशुभ और विफल होता है. रक्षाबंधन पर दुर्मुहूर्त सुबह में 5:47 बजे से ही शुरू हो जा रहा है, जो सुबह 7:34 बजे तक रहेगा.
यमराज के काल में भी न बांधें राखी
ज्योतिष में यमगंड को मृत्यु के देवता यमराज का समय माना गया है. यह राहुकाल के समान ही वर्जित होता है. रक्षाबंधन के दिन मयगंड का समय दोपहर में 2 बजकर 6 मिनट से दोपहर 3 बजकर 46 मिनट तक है. इस समय में भूलकर भी भाई को राखी न बांधें.
हालांकि रक्षाबंधन का मुहूर्त दोपहर 1:24 बजे तक ही है. लेकिन सावन पूर्णिमा तिथि पूरे दिन है. कुछ लोग मुहूर्त के बाद भी राखी बांधते हैं. ऐसे में आप यमगंड के समय का त्याग करें तो उत्तम रहेगा.
फिर शाम को 06:18 बजे से 07:52 बजे तक वर्ज्य समय है. वर्ज्य काल भी अशुभ होता है. इसमें भी कोई मांगलिक कार्य न करें.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)