बार-बार बीमार पड़ते हैं? जानिए कौन-सा ग्रह शरीर में कौन-सी बीमारी देता है और क्यों, कुंडली में छिपा है बीमारी का राज़
1. बृहस्पति (Jupiter): गैस और फेफड़ों की तकलीफ
अगर किसी की कुंडली में बृहस्पति कमजोर हो, तो उसे पेट में गैस बनने, बार-बार डकार आने या फेफड़ों से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं. ऐसे लोगों को सांस लेने में परेशानी, सीने में भारीपन या अस्थमा जैसी तकलीफ भी हो सकती है.
चंद्रमा मन और भावनाओं से जुड़ा होता है, अगर ये बिगड़ा हुआ हो तो व्यक्ति को दिल की कमजोरी, आंखों में जलन या धुंधलापन जैसी दिक्कत हो सकती है. ऐसे लोग भावनात्मक रूप से भी काफी जल्दी टूट सकते हैं.
4. शुक्र (Venus): त्वचा और खुजली
शुक्र कमजोर हो तो त्वचा से जुड़ी समस्याएं, जैसे दाद, खुजली या फंगल इन्फेक्शन बार-बार होते हैं. कभी-कभी ये परेशानी लंबे समय तक बनी रहती है और स्किन पर दाग-धब्बे भी रह जाते हैं.
मंगल अगर सही जगह न बैठा हो तो ये खून की खराबी, फोड़े-फुंसी, जिगर या पित्त से जुड़ी दिक्कत, नासूर, भगंदर जैसी गंभीर बीमारियाँ दे सकता है. साथ ही पेट में जलन और बार-बार उल्टी-दस्त जैसी दिक्कतें भी हो सकती हैं.
6. बुध (Mercury): नसें, जीभ और दांत
बुध ग्रह का संबंध नसों की कमजोरी, चेहरे पर झटके, बोलने में अटकने या दांतों की बार-बार खराबी से होता है. बच्चो में बार-बार चेचक या त्वचा पर छोटे-छोटे दाने भी इसी की वजह से हो सकते हैं.
शनि अगर कुंडली में खराब हो तो आंखों की रौशनी घटने, लंबे समय तक चलने वाली खाँसी या सांस की परेशानी होने लगती है. कई बार लोग इलाज कराते रहते हैं लेकिन आराम नहीं मिलता.
राहु का असर अचानक होने वाली समस्याओं से जुड़ा होता है. जैसे कि बिना वजह का बुखार, अचानक चोट लगना, दुर्घटना, या मन की उलझन, ये ग्रह दिमाग को भ्रमित कर देता है और इंसान को ग़लत फैसले लेने पर मजबूर कर सकता है.
9. केतु (Ketu): जोड़ों का दर्द और गुप्त रोग
केतु का संबंध रीढ़ की हड्डी, पीठ दर्द, जोड़ों की तकलीफ, कानों से कम सुनाई देना या गुप्तांगों से जुड़ी बीमारियों से होता है. कभी-कभी केतु के कारण लोगों को एलर्जी और सांस से जुड़ी तकलीफें भी हो सकती हैं.


