क्या आपका घर भी वास्तु दोष से पीड़ित है? शिव की इस कथा से जानें नकारात्मक ऊर्जा से बचाव के उपाय
Story Of Shiva And Demon: हर घर की नींव सिर्फ ईंट और सीमेंट से नहीं, बल्कि उस जगह की ऊर्जा से भी जुड़ी होती है, अगर आपने कभी सुना है कि कुछ घरों में बार-बार परेशानी आती है, बीमारी बनी रहती है या सुख-शांति टिकती नहीं, तो इसकी एक वजह घर का वास्तु भी हो सकता है. पुराने जमाने में जब लोग मकान बनाते थे, तो सिर्फ जगह नहीं देखते थे, वो दिशा, सूरज की रोशनी, हवा की दिशा और जमीन की प्रकृति तक का ख्याल रखते थे. इसी सोच की जड़ें बहुत गहरी हैं – और इनका जिक्र हमें वेदों से लेकर पौराणिक कथाओं तक में मिलता है. आज हम एक ऐसी ही कहानी जानेंगे, जिसमें भगवान शिव, एक राक्षस और वास्तु के बीच का गहरा संबंध सामने आता है. आइए जानते हैं ज्योतिषाचार्य रवि पराशर से.
कैसे हुआ उस राक्षस का जन्म?
मान्यता है कि एक बार भगवान शिव तपस्या में लीन थे. ध्यान में बैठे-बैठे उनके शरीर से पसीना निकला और वहीं से एक राक्षस का जन्म हुआ. वो जैसे ही जन्मा, उसे बहुत तेज़ भूख लगी. वह इधर-उधर खाने की तलाश में भटकने लगा. तब भगवान शिव ने उसे समझाया कि वो किसी निर्दोष को नुकसान न पहुंचाए. उन्होंने कहा – “तू सिर्फ उसे अपना शिकार बना सकता है जो मकान बनाते वक्त वास्तु का ध्यान नहीं रखता.”
वास्तु दोष क्यों बनते हैं परेशानी की जड़?
अब ये बात प्रतीकात्मक है लेकिन बहुत कुछ समझाती है. जब हम घर बनाते हैं, तो अगर दिशाओं का सही ध्यान नहीं रखते, किचन गलत दिशा में बनती है या टॉयलेट ऐसी जगह होता है जहां नहीं होना चाहिए, तो घर की ऊर्जा बिगड़ने लगती है. नतीजा? घर में नेगेटिव माहौल, मानसिक तनाव, पैसों की कमी और आपसी झगड़े शुरू हो जाते हैं.
अब ये बात प्रतीकात्मक है लेकिन बहुत कुछ समझाती है. जब हम घर बनाते हैं, तो अगर दिशाओं का सही ध्यान नहीं रखते, किचन गलत दिशा में बनती है या टॉयलेट ऐसी जगह होता है जहां नहीं होना चाहिए, तो घर की ऊर्जा बिगड़ने लगती है. नतीजा? घर में नेगेटिव माहौल, मानसिक तनाव, पैसों की कमी और आपसी झगड़े शुरू हो जाते हैं.
राक्षस असल में क्या है?
यह जो राक्षस है, ये किसी डरावने जीव की तरह नहीं है, बल्कि वो सभी नकारात्मकता की पहचान है जो गलत वास्तु की वजह से घर में घुस आती है. जब हम किसी नियम को तोड़ते हैं, तो उसका असर दिखता जरूर है – चाहे वो बीमारी हो, आर्थिक तंगी हो या रिश्तों में खटास.
यह जो राक्षस है, ये किसी डरावने जीव की तरह नहीं है, बल्कि वो सभी नकारात्मकता की पहचान है जो गलत वास्तु की वजह से घर में घुस आती है. जब हम किसी नियम को तोड़ते हैं, तो उसका असर दिखता जरूर है – चाहे वो बीमारी हो, आर्थिक तंगी हो या रिश्तों में खटास.
आज भी वास्तु का असर कैसे दिखता है?
कई बार लोग कहते हैं कि सब कुछ सही करने के बावजूद चीजें बिगड़ती क्यों हैं. ऐसे में अगर आप अपने घर या ऑफिस की बनावट और सामान की दिशा का ध्यान देंगे, तो समझ आएगा कि कहीं न कहीं ऊर्जा का संतुलन बिगड़ा हुआ है. और यहीं वास्तु की अहमियत सामने आती है.
कई बार लोग कहते हैं कि सब कुछ सही करने के बावजूद चीजें बिगड़ती क्यों हैं. ऐसे में अगर आप अपने घर या ऑफिस की बनावट और सामान की दिशा का ध्यान देंगे, तो समझ आएगा कि कहीं न कहीं ऊर्जा का संतुलन बिगड़ा हुआ है. और यहीं वास्तु की अहमियत सामने आती है.
क्या करें ताकि राक्षस दूर रहे?
1. घर बनवाते वक्त वास्तु जानने वाले किसी एक्सपर्ट की सलाह लें.
2. किचन, टॉयलेट और पूजा घर की दिशा का सही चयन करें.
3. नियमित रूप से घर में सफाई रखें और सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखें.
4. सुबह-शाम दीपक जलाएं और कुछ समय ध्यान या मंत्रों में बिताएं.


