किसी भी हाल में पढ़ाई नहीं करेगा आपका बच्चा! अगर घर की इस दिशा में रखा है इन्वर्टर, एक्सपर्ट से जानें इसका सॉल्युशन

किसी भी हाल में पढ़ाई नहीं करेगा आपका बच्चा! अगर घर की इस दिशा में रखा है इन्वर्टर, एक्सपर्ट से जानें इसका सॉल्युशन

Vastu Tips: हर इंसान चाहता है कि उसके घर में सुख, शांति और तरक्की बनी रहे. हम अपने घर को सजाने में, चीज़ों को सही जगह रखने में, और हर दिशा का ध्यान रखने में बहुत मेहनत करते हैं, लेकिन कई बार अनजाने में की गई एक छोटी-सी गलती भी हमारी मेहनत पर पानी फेर देती है. वास्तु के हिसाब से हर दिशा का एक खास मतलब होता है. जैसे उत्तर धन की दिशा मानी जाती है, पूर्व से ऊर्जा और सकारात्मकता आती है, वैसे ही वेस्ट साउथ वेस्ट यानी पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम दिशा को एजुकेशन, सेविंग्स और सपोर्ट सिस्टम से जोड़ा गया है, अगर इस दिशा में गलत चीज़ें रख दी जाएं तो इसका सीधा असर घर की आर्थिक स्थिति और बच्चों की पढ़ाई पर पड़ता है. कई लोग सुविधा के लिए इन्वर्टर, बैटरी या भारी सामान इस दिशा में रख देते हैं, लेकिन यही चीज़ उनके घर की प्रगति रोक सकती है. वास्तु के हिसाब से ये दिशा बहुत संवेदनशील होती है, अगर इसमें ऊर्जा का संतुलन बिगड़ जाए, तो बचत रुक जाती है, पढ़ाई में ध्यान नहीं लगता और जीवन में ठहराव आ जाता है. आइए समझते हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी, वास्तु विशेषज्ञ एवं न्यूमेरोलॉजिस्ट हिमाचल सिंह से कि वेस्ट साउथ वेस्ट दिशा में इन्वर्टर रखने से क्या असर पड़ता है और इससे बचने के क्या उपाय हैं.

वेस्ट साउथ वेस्ट दिशा को वास्तु में एजुकेशन और सेविंग्स की दिशा कहा गया है. इसका मतलब है कि अगर यह दिशा सही तरह से एनर्जेटिक और बैलेंस में हो, तो घर के बच्चों का दिमाग पढ़ाई में चलता है और घर में पैसों की कमी नहीं होती. लेकिन जब इस दिशा में भारी या इलेक्ट्रिक चीज़ें जैसे इन्वर्टर या बैटरी रख दी जाती हैं, तो इस जगह की प्राकृतिक ऊर्जा प्रभावित हो जाती है.

1. बचत पर असर पड़ता है
वास्तु के मुताबिक, वेस्ट साउथ वेस्ट सेविंग्स को दर्शाती है, अगर यहां इन्वर्टर रखा गया है, तो वह दिशा की एनर्जी को “खींच” लेता है. इसका असर यह होता है कि व्यक्ति चाहे जितनी भी कोशिश कर ले, पैसे टिकते नहीं हैं. छोटी-छोटी जगहों पर खर्च बढ़ने लगते हैं. कई बार बिना जरूरत के भी खर्चे सामने आ जाते हैं. धीरे-धीरे ऐसा लगता है कि मेहनत तो बहुत है, लेकिन सेविंग्स कहीं दिखती नहीं.

2. बच्चों की पढ़ाई पर नकारात्मक असर
इस दिशा को एजुकेशन से भी जोड़ा गया है. जब इसमें इलेक्ट्रिक या भारी उपकरण आ जाते हैं, तो बच्चों का ध्यान पढ़ाई से हटने लगता है. ऐसे घरों में बच्चे मेहनत तो करते हैं, लेकिन दिमाग की एकाग्रता नहीं रहती. वो ज्यादा ध्यान “सपोर्ट सिस्टम” पर देते हैं यानी क्लास में किससे दोस्ती कर लें ताकि उसके नोट्स मिल जाएं, या कोई मदद मिल जाए जिससे वो बस पास हो जाएं. असल में पढ़ाई के अंदर का फोकस कमजोर हो जाता है.

3. रिश्तों और सपोर्ट सिस्टम पर भी असर
वेस्ट साउथ वेस्ट को सपोर्ट सिस्टम से भी जोड़ा जाता है. जब यह दिशा डिस्टर्ब होती है, तो व्यक्ति को जीवन में सही लोगों का साथ नहीं मिलता. बिज़नेस या नौकरी में बार-बार रुकावटें आने लगती हैं. लोग भरोसेमंद नहीं लगते, और परिवार के अंदर भी सहयोग की कमी महसूस होती है.

4. इसका उपाय क्या है?
अगर आपके घर में इन्वर्टर वेस्ट साउथ वेस्ट में रखा हुआ है, तो इसे तुरंत शिफ्ट करने की कोशिश करें. इन्वर्टर को रखने की सबसे अच्छी दिशा नॉर्थ-ईस्ट या साउथ-ईस्ट होती है, अगर शिफ्ट करना संभव नहीं है, तो उस जगह पर कांसे या पीतल का छोटा पिरामिड या नीला क्रिस्टल बॉल रख सकते हैं, जो एनर्जी को बैलेंस करता है. साथ ही वहां की दीवार पर हल्का ब्राउन या ऑफ-व्हाइट कलर रखें, और गंदगी या धूल से उस जगह को हमेशा साफ रखें.

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