कब है श्रावण पूर्णिमा, 8 या 9 अगस्त? जानें कौन सा दान चमका सकता है किस्मत?

कब है श्रावण पूर्णिमा, 8 या 9 अगस्त? जानें कौन सा दान चमका सकता है किस्मत?

श्रावण पूर्णिमा का दिन त्योहार, व्रत, स्नान और दान के लिए काफी महत्वपूर्ण है. श्रावण पूर्णिमा को भगवान शिव के प्रिय माह सावन का समापन होता है. श्रावण पूर्णिमा के अवसर पर भाई और बहन के प्रेम का उत्सव रक्षाबंधन भी मनाया जाता है. इस बार श्रावण पूर्णिमा की तिथि 8 अगस्त और 9 अगस्त को दो दिन है. ऐसे में असमंजस की स्थिति है कि श्रावण पूर्णिमा कब है? काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं कि श्रावण पूर्णिमा 8 अगस्त को है या फिर 9 अगस्त को? श्रावण पूर्णिमा पर किन दान किस्मत चमक सकती है?

श्रावण पूर्णिमा की सही तारीख

दृक पंचांग के अनुसार, श्रावण पूर्णिमा की तिथि 8 अगस्त दिन शुक्रवार को दोपहर में 2 बजकर 12 मिनट से प्रारंभ हो जा रही है यानि दोपहर से ही श्रावण पूर्णिमा लग जाएगी. इसका समापन 9 अगस्त दिन शनिवार को दोपहर 1 बजकर 24 मिनट पर होगा. ऐसे में श्रावण पूर्णिमा तिथि 9 अगस्त को दोपहर तक रहेगी. ऐसे में श्रावण पूर्णिमा दो दिन हो रही है.

इस पर ज्योतिषाचार्य भट्ट का कहना है कि मुहूर्त चिंतामणि में तिथि का निर्धारण उदयातिथि के आधार पर किया जाता है. इसका मतलब यह है कि जिस तिथि में सूर्योदय होगा, उस दिन की तिथि वही मान्य होगी. इस आधार पर देखा जाए तो श्रावण पूर्णिमा की तिथि में सूर्योदय 9 अगस्त को हो रहा है क्योंकि 8 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा तिथि दोपहर से लग रही है. ऐसे में श्रावण पूर्णिमा 9 अगस्त शनिवार को है.

श्रावण पूर्णिमा पर होगा स्नान, दान और रक्षाबंधन

9 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा के दिन स्नान और दान किया जाएगा. श्रावण पूर्णिमा के अवसर पर आप किसी भी पवित्र नदी में स्नान करें, उसके बाद अपनी क्षमता के अनुसार दान करें. नदी स्नान नहीं कर सकते हैं तो घर पर ही स्नान करें और दान करें. श्रावण पूर्णिमा को स्नान और दान करने से पाप मिटते हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है.

श्रावण पूर्णिमा का दान, चमका सकता है किस्मत

श्रावण पूर्णिमा का संबंध चंद्रमा है. इस दिन स्नान करने के बाद व्यक्ति को चंद्रमा से जुड़ी वस्तुओं का दान करना चाहिए. ऐसे में आप श्रावण पूर्णिमा को चावल, सफेद वस्त्र, शक्कर, दूध, खीर, बताशे, दही, सफेद फूल, मोती, चांदी आदि का दान कर सकते हैं.

श्रावण पूर्णिमा पर इन वस्तुओं का दान करने से कुंडली में चंद्रमा मजबूत होता है. यदि चंद्र दोष है तो वह दूर होगा, चंद्रमा का अशुभ प्रभाव कम होगा. ज्योतिष में चंद्रमा को मन का कारक माना गया है. चंद्रमा शुभ फल देगा तो आपका मन स्थिर होगा और मनोबल मजबूत होगा. आप भावनात्मक रूप से मजबूत रहेंगे और सही फैसले करने में सक्षम होंगे.

चंद्रमा के शुभ फल से व्यक्ति को धन, संपत्ति, वैवाहिक जीवन में सुख की प्राप्ति होती है. चंद्रमा जल का भी प्रतिनिधित्व करता है, जो लोग जल से जुड़े बिजनेस करते हैं, उनको लाभ होगा. लाइफ पार्टनर, माता-पिता और संतान से संबंध अच्छे होंगे.

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